जिले से नदारद सांसद के सोशल मिडीया पर दर्शन, विडीयो वायरल कर किसानों को सांसद की सांत्वना

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    • किसानों के लिए सरकारी विशेष पैकेज मांगने का दावा

    यवतमाल. शिवसेना में भीतरी बगावत के बाद एकनाथ शिंदे गुट में शामिल हुए और जिले में लंबे समय से नदारद तथा ईडी की जांच से गुजर रही सांसद भावना गवली ने लंबे समय बाद जिले की जनता और किसानों कों सोशल मिडीया पर विडीओ जारी कर दर्शन दिया है.10 अगस्त को सांसद गवली ने दिल्ली या कहीं और से फेसबुक और व्हॉटसएप पर विडीओ मैसेज जारी किया,जिसमें वें यवतमाल जिले और विदर्भ मे अतिवृष्टी और बाढ से किसानों की फसलों को हुए नुकसान के लिए सरकार से विशेष पैकेज मांगने पत्र देने की जानकारी देते दिख रही है.

    बता दें की यवतमाल-वाशिम जिले की सांसद भावना गवली लंबे समय से जिले के बाहर है,हाल ही में सांसद गवली ने संसद सत्र में हिस्सा लिया था,लेकिन इससे पुर्व यवतमाल जिले में गिले अकाल जैसी हालत होने,अतिवृष्टी और बाढ से किसानों का प्रचंड नुकसान हुआ फिर भी जिले में पहूंचकर उन्होने जिले के किसानों की सुध नही ली.लंबे समय से वें राजनितीक घटनाक्रम और ईडी की जांच और कारवाई से घीरी हुई है.

    अब कथित तौर ईडी की कारवाई में राहत मिलने के बाद उन्होने किसानों के लिए सोशल मिडीया पर विडीओ जारी किया, जिसमें उन्होने किसानों कों सरकारी स्तर पर मदद करने का प्रयास करने का भरोसा दिया,लेकिन उनके इस संदेश के बाद सोशल मिडीया में नागरिकों और किसानों की ओर से सांसद के सोशल माध्यमों के जरीए दर्शन देने पर अब कडी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही है.

    सांसद गवली ने जो विडीओ जारी किया,जिसमें उन्होने जिले और विदर्भ में गिला अकाल और अतिवृष्टी से हुए नुकसान को देखते हुए किसानों के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर विशेष पैकेज देने की मांग की जानकारी दी.इसी बीच सोशल मिडीया पर यह जानकारी साझा करने के बाद सांवद गवली के संदर्भ में मतदाताओं ओर किसानों की तिखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिली, जिसमें खुद के सुरक्षीत होने के बाद किसानों की सुध लेने,प्रत्यक्ष जिले में पहूंचकर नुकसान की जानकारी न लेने पर सोशल मिडीया में मैसेज के जरीए ही नागरिक, किसानों द्वारा सांसद को खुब खरी खोटी सुनायी जा रही है.

    केंद्र सरकार ने 2022 में किसानों की आय दुगुना करने का टार्गेट रखा था, ऐसे में जिले की सांसद गवली ने विशेष पैकेज की मांग करने की बजाय फसलों के दाम बढाने संसद में आवाज उठाने की मांग की जा रही है. तो दुसरी ओर विशेष पैकेज मिलने के बाद धांदलीयों की संभावना जतायी जा रही है. इसके लिए राज्य में कोरोना काल में आदिवासी बहुल ईलाकों में खवटी वितरण में जो घपलेबाजी हुई उसका संदर्भ भी दिया जा रहा है.

    उल्लेखनिय है की सांसद गवली लंबे समय से जिले से नदारद है.कुछ माह पुर्व जिले में आत्महत्याग्रस्त किसानों के मदद के लिए जिलास्तरीय बैठक समेत नियोजन समिती की अनेक बैठकों में वें गैरहाजीर रही, इसके बाद राज्य में राजनितीक घटनाक्रम, सांसद गवली पर ईडी की कारवाई के पेचिदा मामले में वह अटकी हुई थी.

    इसके बाद अब भी अतिवृष्टी,गिले अकाल मुसलाधार बारिश और बाढ से किसानों को हुए नुकसान के बावजुद सांसद गवली जिले में नही पहूंची.कुल मिलाकर राजनितीक तथा व्यक्तीगत तौर पर लाभ और हानी का गणित बिठाकर जिले से दुर रहने और दिल्ली में बैठकर आश्वासनों का ढोलक बजाने के कारण अब आम जनता और किसानों में वर्तमान सांसद को लेकर रोष दिख रहा है.