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यवतमाल. ग्रामीण क्षेत्रों की संपूर्ण अर्थव्यवस्था कृषि से संबंधित है. इस वर्ष प्रकृति ने किसानों को बार-बार धोखा दिया है, सरकार की लक्ष्य नीति के कारण और भी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो गई है, ऐसे में ग्राम पंचायतों को ग्रामीण क्षेत्रों से गृहटैक्स वसूलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. चालू वर्ष के लिए कुल गृह कर वसूली का लक्ष्य 35 करोड़ 55 लाख 92 हजार 560 रुपये है.

ग्राम पंचायतों को ग्रामीणक्षेत्र कारोबार चलाने के लिए अलग से फंड नहीं मिलता है. ग्राम पंचायतों को दैनिक सेवाएं प्रदान करने के लिए अपनी आय से वित्तीय प्रावधान करना होगा. जिले के अधिकांश तहसील पिछड़े हुए हैं. इसके अलावा दूरदराज के इलाकों में भी हालात बदतर हैं. ऐसी ग्राम पंचायतों में गृह टैक्स के अलावा आय का कोई दूसरा जरिया नहीं है, इस वर्ष की बैलेंस शीट को देखते हुए यह स्थिति है कि गृह टैक्स वसूली के लिए विशेष अभियान चलाना पड़ रहा है.

पिछले वर्ष बकाया टैक्स की राशि आठ करोड़ 56 लाख सात हजार 331 रुपये थी, जबकि वित्तीय वर्ष 2023-24 में गृह टैक्स की मांग 26 करोड़ 99 लाख 85 हजार 229 रुपये है. यह वर्ष कृषि अर्थव्यवस्था के लिए अकाल का वर्ष है. कृषि उपज को उचित बाजार मूल्य नहीं है, ऐसी स्थिति में स्थानीय प्रशासन को किसानों से गृहटैक्स वसूलने के लिए मजबूरन अभियान चलाते समय दो बार सोचना पड़ रहा है. लेकिन इस विपरीत परिस्थिति में भी वसूली अभियान चलाकर करीब 22 करोड़ पांच लाख 95 हजार की राशि एकत्र की गयी है. इसका प्रतिशत करीब 62 फीसदी है. ऐसा लगता है कि इसके लिए विशेष प्रयास किया गया है.

वसूली में वणी तहसील अव्वल रहा

गृह टैक्स वसूली में वणी तहसील प्रशासन लगातार आगे है. इस वर्ष भी चालू एवं अतिदेय कर का 75.58 प्रतिशत वसूल किया जा चुका है. 3 करोड़ 21 लाख 10 हजार 177 रुपये गृहटैक्स वसूला गया है. इस तहसील के मुकाबले आकार से छोटा महागांव तहसील गृहकर से 1 करोड 35 लाख 30 हजार याने 67.24 प्रतिशत गृह कर की वसूली की गई है. मारेगांव तहसील में रिकवरी का प्रतिशत भी 66.23 है. उन्होंने 1 करोड़ 2 लाख 10 हजार रुपये का टैक्स वसूला है. रालेगांव तहसील में भी 65.5 प्रतिशत कर 98 लाख 11 हजार 802 रुपये की वसूली हुई है. आर्णी तहसील में ग्राम पंचायतों ने गृह कर से 1 करोड़ 70 लाख 83 हजार 661 रुपये का 69.50 प्रतिशत एकत्र किया है. दारव्हा तहसील में 1 करोड़ 40 लाख 64 हजार 316 रुपये टैक्स वसूला गया है. दिग्रस तहसील ने सबसे कम 88 लाख 39 हजार रुपये टैक्स वसूला है.