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Pic: ANI

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    • जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट

    यवतमाल. जिलेभर में बीते तीन दिनों से वापसी की बारिश कहर बरपाने का काम कर रही है. जिसके चलते जिले के बडे प्रकल्पों के साथ ही छोटे और मध्यम प्रकल्प भी लबालब भर चुके है. इन सभी प्रकल्पों से बडे पैमाने पर जलविसर्ग किया जा रहा है. लगातार हो रही जलनिकासी के चलते पांच तहसीलों में बाढ का खतरा भी मंडरा रहा है. संभावित पांच तहसीलों में बाढ के खतरे को भांपते हुए जिला प्रशासन की ओर से पूरी तरह से अलर्ट जारी कर दिया गया है.

    जिले में अब तक औसतन 926.80 मिमी बारिश प्रतिवर्ष होती है. लेकिन इस बार बीते जून से 13 सितंबर तक 973.90 मिमी बारिश हुई है. औसत से अधिक 105.8 फीसदी बारिश दर्ज की गई है. वहीं जिले के 13 तहसीलों में 100ṁ फीसदी से अधिक बारिश हुई है. इनमें आर्णी तहसील में सर्वाधिक 170.36 मिमी, झरीजामणी में 156.36, दारव्हा में 144.82, वणी में 117.62, मारेगांव में 113.62, केलापुर में 116.29, रालेगांव में 112.07, बाभुलगांव में 110.34, महागांव में 108.94, दिग्रस में 108.50, कलंब में 105.66, घाटंजी में 105.12, नेर में 100.83, यवतमाल में 92.71, उमरखेड में 86.59, पुसद में 75.45 मिमी बारिश दर्ज की गई है.