Photo: @revanth_anumula/ twitter
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    पटना: तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख रेवंत रेड्डी (Revanth Reddy’) के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव (CM K. Chandrashekhar Rao) के बारे में दिये गए ”बिहारी डीएनए” वाले बयान पर मंगलवार को बिहार में विवाद खड़ा हो गया। रेड्डी ने बिहार से संबंध रखने वाले नौकरशाहों को उच्च पदों पर नियुक्त करने और चुनाव रणनीतिकार प्रशांत किशोर से सलाह लेने के लिये टीआरएस नेता राव पर निशाना साधते हुए दावा किया था कि उनके पूर्वज बिहार से दक्षिणी राज्य में आकर बस गए थे।

     बिहार में सत्तारूढ़ राजग ने तुरंत रेड्डी के बयान को पंजाब के मुख्यमंत्री तथा कांग्रेस के नेता चरणजीत सिंह चन्नी के ”यूपी बिहार के भइये” वाले बयान से जोड़ दिया। जद(यू) के वरिष्ठ नेता और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी संजय कुमार झा ने कहा, ”कांग्रेस काफी समय से बिहार में कमजोर हो चुकी है। दूसरी जगहों पर इसके नेताओं के व्यवहार से पता चलता है कि राज्य में पार्टी के लिए सबसे खराब स्थिति आनी अभी बाकी है।”

    झा ने यह भी कहा कि यह ”लोकनायक जयप्रकाश नारायण का बिहारी डीएनए” था जिसने कांग्रेस के पतन के लिए आधार तैयार किया। विपक्षी दल राजद ने भी रेड्डी के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने रेड्डी से माफी की मांग की है।  भाजपा ओबीसी मोर्चे के राष्ट्रीय महासचिव निखिल आनंद ने भी रेड्डी के बयान की तीखी आलोचना की।

    आनंद ने कहा, ”हाल में चन्नी ने प्रियंका गांधी वाद्रा की मौजूदगी में बिहार और इसके लोगों के बारे में अपमानजनक बयान दिया था और अब तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख ने भी वैसा ही किया। पार्टी के विभाजनकारी एजेंडे का पर्दाफाश हो चुका है।” हालांकि बिहार कांग्रेस के नेताओं ने अपनी पार्टी का बचाव किया है।  राज्य के कार्यकारी अध्यक्ष और एमएलसी समीर कुमार सिंह ने कहा कि रेड्डी ने ”बिहार को नीचा दिखाने की कोशिश नहीं की बल्कि उनके निशाने पर केसीआर थे।” (एजेंसी)