Rains in Dehradun, Uttarakhand
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देहरादून. उत्तराखंड में भारी बारिश का प्रकोप जारी है। विभिन्न स्थानों पर जलभराव और बाढ़ जैसे हालात बन गए जबकि वर्षा संबंधी घटनाओं में आज दो व्यक्तियों की मौत हो गई और दो अन्य घायल हुए हैं। मूसलाधार बारिश के चलते उफान पर चल रहे नदी-नालों का पानी रिहायशी इलाकों में घुस गया, जिसके बाद कई स्थानों पर लोगों को बाहर निकाला गया।

वहीं, मौसम विभाग ने गुरुवार को अगले चार दिन यानी 11 अगस्त से 14 अगस्त तक भारी से अत्याधिक भारी बारिश की भविष्यवाणी की है। जिसके चलते IMD ने रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इस दौरान गर्जन के साथ आकाशीय बिजली चमकना व बहुत तीव्र से अत्याधिक तीव्र बारिश की संभावना है। संवेदनशील स्थानों पर भूस्खलन एवं चट्टान गिरने की संभावना है। पुलिस ने लोगों से सावधानी बरतने को कहा है।

पुलिस ने बताया कि ऋषिकेश के पास चौरासी कुटिया क्षेत्र में एक दीवार ढह जाने से उसके मलबे में दबकर एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई और एक अन्य घायल हो गया। मृतक की पहचान राजस्थान के रहने वाले गजानन (84) के रूप में हुई है। नैनीताल जिले के कालाढूंगी में शाम को उफनाई बौर नदी के किनारे-किनारे जा रहे दो किशोर पैर फिसलने से उसमें जा गिरे और तेज बहाव में बह गए। 

नैनीताल के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शैलेष कुमार ने बताया कि सूचना मिलने पर तलाशी अभियान चलाया गया, जिसमें नितिन तिवारी (15) का शव बरामद हुआ जबकि उसके चचेरे भाई पंकज तिवारी (15) को सकुशल बाहर निकाल लिया गया। उधर, चार अगस्त को केदारनाथ यात्रा मार्ग पर गौरीकुंड में डाटपुलिया के पास हुए भूस्खलन की घटना में लापता लोगों में से दो और व्यक्तियों के शव बृहस्पतिवार को बरामद हो गए। मृतकों में से एक की पहचान नेपाली नागरिक वीर बहादुर (52) तथा दूसरे की पहचान रूद्रप्रयाग के अगस्त्यमुनि के बष्टी गांव के रहने वाले 28 वर्षीय रणवीर सिंह के रूप में हुई है। गौरीकुंड भूस्खलन की घटना में अब तक पांच शव बरामद हो चुके हैं।

तीन व्यक्तियों के शव घटना वाले दिन ही मिल गए थे। कुल 23 लोग घटना का शिकार हुए थे, जिसमें से 18 अभी भी लापता हैं। ऋषिकेश के निकट मुनि की रेती के खारास्रोत क्षेत्र में बुधवार रात मूसलाधार बारिश के दौरान एक नाले के उफान पर आने के कारण 80-100 मकानों में पानी घुस गया जिसके बाद राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) ने एक अभियान चलाकर 50 से ज्यादा लोगों को बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। सूचना मिलने पर अधिकारियों के साथ प्रदेश के कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल भी रात को मौके पर पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। इसी तरह, ऋषिकेश के ढालवाला क्षेत्र में निचले इलाके में बाढ़ के खतरे को देखते हुए वहां से भी लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। 

उधमसिंह नगर जिले के काशीपुर में भी कई मकानों में बारिश का पानी घुस गया और यहां से 80 से अधिक लोगों को निकाल कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। प्रदेश में लगातार हो रही बारिश के कारण सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है और राष्ट्रीय राजमार्गों सहित अन्य सड़कों के भूस्खलन के कारण बार-बार बंद होने और बहाल होने का सिलसिला जारी है। इससे बच्चों को भी स्कूल जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, प्रदेश में कुल 241 मार्ग मलबे के कारण अवरूद्ध हैं जिन्हें खोलने के लिए 213 जेसीबी मशीन लगाई गई हैं।

कोटद्वार-दुगड्डा राष्ट्रीय राजमार्ग, पौड़ी जिले में सिद्धबली से आमसौड़ तक 10-12 स्थानों पर भूस्खलन का मलबा आने के कारण बुधवार से अवरूद्ध है जिसे खोलने के लिए छह जेसीबी मशीन लगाई गई हैं। इस बीच, केदारनाथ धाम पहुंचने वाला गुप्तकाशी-गौरीकुंड राजमार्ग रुद्रप्रयाग जिले में फाटा कस्बे के समीप तरसाली गांव में पहाड़ी से भूस्खलन का मलबा गिरने के कारण यातायात के लिए पूरी तरह से बाधित हो गया है।

आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने बताया कि यहां सड़क का 60 मीटर हिस्सा बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है जिसे खोलने में काफी समय लगने की संभावना है। इसके मद्देनजर जवाड़ी और तिलवाड़ा पुलिस चौकियों से यात्रियों को मार्ग बाधित होने की जानकारी देते हुए सुरक्षित जगहों पर रुकने की सलाह दी जा रही है। 

भारी बारिश के चलते पौड़ी, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल और चंपावत जिलों में कक्षा एक से 12 वीं तक के स्कूलों की बृहस्पतिवार को छुट्टी रही। इस बीच, मौसम केंद्र देहरादून द्वारा जारी ताजा पूर्वानुमान में टिहरी, देहरादून और पौड़ी जिलों में 10 से 14 अगस्त तक बारिश का ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है जबकि चंपावत, नैनीताल और उधमसिंह नगर जिले में 10 और 11 अगस्त के लिए ‘आरेंज अलर्ट’ तथा 12 से 14 अगस्त के लिए ‘रेड अलर्ट’ जारी किया गया है। प्रदेश के इन जिलों में कहीं-कहीं भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग ने संबंधित जिलाधिकारियों को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)