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    अगरतला. त्रिपुरा की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए गुरुवार को दोपहर 3 बजे तक 69.96 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव आयोग ने यह जानकारी दी। मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ, जो शाम चार बजे तक जारी रहा। 

    राज्य में कुल 28.13 लाख मतदाता हैं और 3,337 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। राज्य में 259 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। 40-45 जगहों पर ईवीएम में गड़बड़ी की सूचना मिली, लेकिन उन सभी मशीनों को बदलकर मतदान पुन: आरंभ किया गया।

    मतदान के लिए 97 महिला पुलिस स्टेशनों के साथ पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 94,815 मतदाता 18-19 आयु वर्ग के हैं जबकि 6,21,505 मतदाता 22-29 आयु वर्ग के हैं। मतदाताओं की सबसे अधिक संख्या 40-59 आयु वर्ग में 9,81,089 है।

    पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गोमती जिले के ककराबन विधानसभा क्षेत्र में अज्ञात लोगों ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के दो मतदान एजेंटों पर हमला किया लेकिन अभी तक कोई प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई है। टाउन बारडोवली निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे राज्य के मुख्यमंत्री माणिक साहा मतदान के शुरुआती घंटों में वोट डालने वालों में शामिल रहे।

    साहा ने चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का भरोसा जताया और कहा कि उनकी पार्टी पिछले बार से इस बार बेहतर प्रदर्शन करेगी। उन्होंने यहां महारानी तुलसीवाटी गर्ल्स स्कूल में स्थापित एक मतदान केंद्र जाते समय संवाददाताओं से कहा, ‘‘मुझे शत प्रतिशत विश्वास है कि भाजपा चुनावों में पूर्ण बहुमत हासिल करेगी। पार्टी को पिछली बार की तुलना में अधिक सीट मिल सकती हैं।” यह पूछे जाने पर कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा, साहा ने कहा, ‘‘हमारी पार्टी में चीजें इस तरह तय नहीं होतीं। अभी मैं मुख्यमंत्री हूं।” 

    राज्यसभा सदस्य और पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने विश्वास जताया कि भाजपा राज्य की 60 में से 40 सीट जीतेगी। देब ने उदयपुर में मतदान करने के पहले त्रिपुरेश्वरी मंदिर में दर्शन किए। पूर्वोत्तर राज्य में इस बार त्रिकोणीय मुकाबला होने की संभावना है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और आईपीएफटी (इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा) गठबंधन सत्ता पर कब्जा बरकरार रखने की कोशिश में है।

    वहीं, वाम-कांग्रेस गठबंधन ने भी सत्ता पाने के लिये पूरा जोर लगाया है। क्षेत्रीय संगठन टिपरा मोथा स्वायत्त परिषद चुनावों में अपने शानदार प्रदर्शन के बाद विधानसभा के चुनाव मैदान में पहली बार उतरी है। भाजपा 55 विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ रही है, जबकि उसकी सहयोगी आईपीएफटी ने छह सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं। एक सीट पर दोनों के बीच दोस्ताना मुकाबला होगा। वाम मोर्चा 47 सीट पर चुनाव लड़ रहा है और इसकी गठबंधन सहयोगी कांग्रेस 13 सीट पर चुनाव लड़ रही है। तृणमूल कांग्रेस ने 28 सीट पर उम्मीदवार उतारे हैं और 58 निर्दलीय उम्मीदवार भी हैं। (एजेंसी इनपुट के साथ)