बेंगलुरु. दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में मिले कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) ने हिंदुस्तान (India) में दहशत पैदा कर दी है। यह वायरस डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) से पांच गुना खतरनाक है और ये देश में एंट्री ले चुका है। गुरुवार को खतरनाक वायरस के दो मामलों की पुष्टि हुई हैं। दोनों ही मामले कर्नाटक में सामने आए हैं। वहीं, इनमें से एक व्यक्ति के संपर्क में आने से पांच लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस बात की जानकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री के डॉ के. सुधाकर (Karnataka Health Minister Dr K Sudharakar) ने दी है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ सुधाकर ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, “दो लोग कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित पाए गए हैं। इन दोनों के सैंपल जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजे थे। इसमें से एक व्यक्ति लगभग 66 वर्षीय दक्षिण अफ्रीकी नागरिक है, जो वापस चला गया है। इनके संपर्क में आए 24 प्राथमिक और 240 सेकेंडरी संपर्कों का पता लगा लिया है।
वहीं, दूसरा व्यक्ति 46 वर्षीय डॉक्टर है। उनकी कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है। डॉक्टर के प्राथमिक और सेकेंडरी संपर्कों में से 5 लोग कोविड पॉजिटिव आए हैं। जिसके बाद 6 लोगों को आइसोलेट कर अस्पताल में भर्ती किया है। किसी में भी गंभीर लक्षण नहीं हैं। ये लोग पूरे वैक्सीनेट हैं।
Out of his (doctor’s) primary & secondary contact, 5 people tested positive for #COVID19. So a total of 6 people have been isolated, admitted to govt hospital. None of them showing any serious symptoms. All these people are fully vaccinated:Karnataka Health Minister Dr K Sudhakar pic.twitter.com/IhwOID4m8l
— ANI (@ANI) December 2, 2021
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, “दुबई से दक्षिण अफ्रीका के लिए रवाना हुए व्यक्ति ने एक निजी लैब से कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट प्रस्तुत की थी। उनके प्राथमिक और द्वितीयक संपर्क (कुल 264) नकारात्मक पाए गए। तो कहने का मतलब है कि उसका (दक्षिण अफ़्रीकी नागरिक) रिपोर्ट सच हो सकती है।”
बता दें कि, अब तक 30 देशों में ओमीक्रोन के 375 मामले अब तक दर्ज़ किए गए हैं। वहीं कोरोना वायरस के बी.1.1.529 स्वरूप की पहचान इस हफ्ते दक्षिण अफ्रीका में की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने शुक्रवार को इस स्वरूप को ‘चिंता उत्पन्न करने वाले स्वरूप’ की श्रेणी में डाला। विश्व निकाय ने वायरस के इस स्वरूप को ‘ओमीक्रॉन’ नाम दिया है। इस वायरस की सबसे पहले जानकारी 24 नवंबर को दक्षिण अफ्रीका में मिली थी।