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    कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamta Banerjee) ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) पर राज्य सरकार के प्रमुख पदों पर नियुक्तियों से संबंधित फाइलों को लेकर टालमटोल करने का सोमवार को आरोप लगाया। बनर्जी ने कहा कि लोकायुक्त सदस्य, मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष और सूचना का अधिकार आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित दस्तावेज धनखड़ की मंजूरी के लिए छह महीने से उनके पास पड़े हैं।

    उन्होंने कहा, ‘‘राज्यपाल फाइलों को मंजूरी नहीं दे रहे हैं। एक दिन पहले भी उन्होंने बजट को मंजूरी देने से इनकार कर दिया था। मुझे यह याद दिलाने के लिए उन्हें फोन करना पड़ा कि यह उनका दायित्व है… बजट मंजूर करते समय भी उनके कई सवाल थे। चल क्या रहा है?”  बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हर जगह (गैर भाजपा शासित राज्यों में) वे राज्यपाल नियुक्त करके एक समानांतर सरकार चला रहे हैं।”

    उन्होंने कहा कि शीर्ष अदालत कभी-कभी राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण रिक्तियां भरने का निर्देश देती है, लेकिन धनखड़ के फाइल मंजूर नहीं करने से नियुक्तियां अटकी हुई हैं।  धनखड़ ने पहले कहा था कि पश्चिम बंगाल सरकार की पूर्व पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र और पूर्व अतिरिक्त मुख्य सचिव नवीन प्रकाश की सूचना आयुक्तों के रूप में नियुक्ति की सिफारिश ‘‘त्रुटिपूर्ण” थी।

    बनर्जी ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय जैसी एजेंसी को विपक्ष के खिलाफ इस्तेमाल कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में लोकतंत्र की रक्षा के लिए उन्होंने गैर भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों एवं अन्य नेताओं को पत्र लिखा था।  बनर्जी ने कहा कि उन्हें सोमवार को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का भी एक पत्र मिला, जिसमें उन्होंने उल्लेख किया है कि राज्य को जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) का अपना हिस्सा नहीं मिल रहा है।(एजेंसी)