मणिपुर सरकार का आदेश, म्यांमार से शरणार्थी आए तो उन्हें देश में घुसने न दें, हाथ जोड़ कर वापस भेजे

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    इम्फाल: म्यांमार (Myanmar) में हुए तख्ता पलट और वहां की सेना जिस प्रकार अपने नागरिको का दमन कर रही है, उससे वहां के नागरिकों द्वारा भारत (India) में शरणार्थी बनकर प्रवेश करने की आशंका बढ़ गई है। इसी को देखते हुए मणिपुर सरकार (Manipur Government) ने बड़ा निर्णय लिया है। सरकार ने अंतराष्ट्रीय सीमा (International Border) से लगे जिलों के जिलाधिकारियों को निर्देश दिया है कि, “म्यांमार से किसी भी व्यक्ति को देश में प्रवेश नहीं करने दिया जाए, अगर कोई आए तो उन्हें हाथ जोड़कर वापस भेज दें।”

    न शरणार्थी स्थल बनाए, न खाने की व्यवस्था करें 

    मीडिया में चल रही खबरों के अनुसार, राज्य गृह मंत्रालय ने सीमावर्ती जिले चंदेल, तेंगनोपाल, कामजोंग, उकरूल, चूड़ाचंद्रपुर के ज़िलाधिकारियों को आदेश दिया है कि, “म्यांमार के लोगों के राज्य में अवैध प्रवेश पर नजर रखे और उन्हें रोकने के उचित कदम उठाए।” गृह विभाग ने कहा, “इस बात का बेहद ध्यान रखें कि कोई भी निजी संगठन या प्रशासन की ओर से कोई शरणार्थी कैंप न बनाया जाए। इसी के साथ शरणार्थियों के लिए खाने पीने की व्यावस्था भी नहीं किए जाएं। सिर्फ कोई घायल आए तो उसे मानवीय आधार पर मदद दी जाए।”

    गोलीबारी में 400 से ज्यादा लोगों की मौत 

    भारत और म्यामांर करीब 1643 किलोमीटर की सीमा साझा करते हैं। जो मणिपुर, नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश को लगती है। जब से तख्तापलट हुआ है तब से सेना और जनता के बीच टकराव शुरू है। इस टकराव के वजह से अभी तक 400 से ज्यादा लोग अपनी जान गवा चुके हैं। दो दिन पहले सेना की गोलीबारी में 94 लोग मारे गए थे।