mayor Asha Lakra
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    – ओमप्रकाश मिश्र 

    रांची: रांची नगर आयुक्त द्वारा नगर निगम के कार्यों के प्रति लगातार अनदेखी और उपेक्षा करने का आरोप लगाने वाली रांची (Ranchi) की मेयर डॉ. आशा लकड़ा (Mayor Asha Lakra) ने अब हेमंत सरकार (Hemant Government) पर सीधा निशाना साधा हैI नगर वासियों की जरूरतों और जिले के विकास के प्रति आवाज उठाने वाली मेयर आशा लकड़ा ने कहा कि हेमंत सोरेन सरकार आम लोगों को निःशुल्क वाटर कनेक्शन (Free Water Connection) और पांच हजार लीटर शुद्ध पेयजल मुफ्त देने की बात कर आम जनों को गुमराह कर रही है। उन्होंने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि हेमंत सरकार जल कर की नई नीति के तहत एक पक्षीय बात कर रही है। 

    मेयर ने कहा कि राज्य सरकार की नई जल कर नीति के तहत सिर्फ (बीपीएल परिवार को) उन क्षेत्रों में वाटर कनेक्शन निःशुल्क किए गए हैं, जहां अमृत योजना के तहत नए सिरे से पाइपलाइन बिछाए गए हैं या बिछाए जा रहे हैं। आम लोगों को यह जानकारी होना चाहिए कि अमृत योजना केंद्र सरकार की योजना है। डीपीआर में ही यह प्रावधान किया गया है कि अमृत योजना के तहत जिन क्षेत्रों में नए सिरे से पाइपलाइन बिछाए जा रहे हैं या बिछाए जा चुके हैं, वहां उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन निःशुल्क दिए जाएंगे। परंतु राज्य सरकार केंद्र सरकार की प्रायोजित योजना पर भी अपनी वाहवाही बटोर रही है। 

    नई जल कर नीति के एक-एक बिंदु को स्पष्ट करना चाहिए

    राज्य सरकार को नई जल कर नीति के एक-एक बिंदु को स्पष्ट करना चाहिए। जिस प्रकार राज्य सरकार नए पाइपलाइन से निःशुल्क वाटर कनेक्शन देने की घोषणा कर रही है, उसी प्रकार उन्हें यह भी स्पष्ट करना चाहिए कि रांची नगर निगम क्षेत्र में पुराने पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं के लिए जल कर की नई नीति में क्या प्रावधान किए गए हैं। क्या पुराने पाइपलाइन से भी उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन निःशुल्क दिए जाएंगे। यदि पुराने और नए पाइपलाइन से उपभोक्ताओं को वाटर कनेक्शन निःशुल्क दिए जाएंगे तो राज्य सरकार जल से जल्द इसकी घोषणा करें, अन्यथा जल कर की नई नीति को वापस लें। राज्य सरकार की घोषणा पर मेयर ने जो प्रतिक्रिया व्यक्त की है वो इस प्रकार इस है I

    45 रुपये की छूट से किसी परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी

    राज्य सरकार ने घोषणा की है कि आरएमसी क्षेत्र के 10.30 लाख लोगों को शुद्ध पेयजल मिलेगा। नगर विकास द्वारा अधिसूचित जल कर की नई दर से नागरिकों पर अतिरिक्त बोझ नहीं पड़ेगा, बल्कि पहले से कम राशि देनी पड़ेगी। इस घोषणा पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए  मेयर ने कहा कि जल कर की नई नियमावली के तहत मात्र पांच हजार लीटर शुद्ध पेयजल ही निःशुल्क है। इस लिहाज से 9 रुपए प्रति किलोलीटर की दर से उपभोक्ताओं को प्रतिमाह मात्र 45 रुपये का ही लाभ मिलेगा। क्या 45 रुपये की छूट से किसी परिवार की आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी।

    सरकार की घोषणा न्यायोचित नहीं

    सरकार की घोषणा की है कि अधिसूचित दर के तहत प्रथम 05 हजार लीटर पेयजल के लिए कोई राशि नहीं ली जाएगी। यह पूरी तरह मुफ्त होगा। इस पर मेयर ने कहा क्या 5 हजार लीटर शुद्ध पेयजल से किसी परिवार की आवश्यकता पूरी हो जाएगी। राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि वर्तमान में प्रति व्यक्ति प्रतिदिन कितने लीटर पेयजल की आवश्यकता है। साधारण पढ़ा-लिखा व्यक्ति भी यह समझ सकता है कि 5 हजार लीटर से किसी परिवार के एक व्यक्ति की मासिक पेयजल की आवश्यकता भी पूरी नहीं हो सकती। फिर राज्य सरकार की यह घोषणा कि किसी परिवार में 5 हजार लीटर तक ही पेयजल की मासिक खपत होगी तो उनके लिए जल कर शून्य होगा, यह न्यायोचित नहीं है।

    क्या उन्हें भी वाटर कनेक्शन निःशुल्क मिलेगा

    सरकार ने घोषणा की है कि रांची नगर निगम क्षेत्र में 1,93,932 आवासों का होल्डिंग नम्बर है। हालांकि रांची में क्रियान्वित की जा रही पेयजलापूर्ति योजनाओं से सभी आवासों को पेयजल कनेक्शन दिया जाना है। इस पर मेयर ने कहा कि वर्तमान में उपलब्ध होल्डिंग नम्बर की संख्या से यह स्पष्ट है कि संबंधित आवास 53 वार्डों में अवस्थित हैं। ये आवास वैसे क्षेत्रों में हैं, जहां पूर्व से पाइपलाइन की सुविधा है या वर्तमान में संबंधित क्षेत्रों में अमृत योजना के तहत नए सिरे से पाइपलाइन बिछाए जा चुके हैं या बिछाए जा रहे हैं। ऐसे में जो आवास पूर्व में बिछाए गए पाइपलाइन से संबंधित क्षेत्र में है, क्या उन्हें भी वाटर कनेक्शन निःशुल्क मिलेगा। यदि नहीं तो उन्हें वाटर कनेक्शन के लिए कितनी राशि का भुगतान करना होगा, इसे स्पष्ट करना चाहिए।

    गरीबों के जेब पर राज्य सरकार डाल रही डाका

    सरकार का कहना है कि अमृत योजना के तहत भविष्य में 2.56 लाख कनेक्शन मुफ्त दिए जाने का प्रावधान है। वर्तमान में 67 हजार आवासों को पेयजल वितरण प्रणाली से वाटर कनेक्शन दिया जाना है, शेष 1.89 लाख आवासों को क्रियान्वित हो रही नई योजना से वाटर कनेक्शन दिया जाएगा। मेयर ने कहा कि राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2.56 लाख वाटर कनेक्शन सिर्फ बीपीएल परिवार के लिए हैं या इनमें एपीएल परिवार भी शामिल हैं। जहां तक मुझे जानकारी है राज्य सरकार की नई जल कर नीति में एपीएल परिवार को नई और पुरानी पाइपलाइन से वाटर कनेक्शन लेने के लिए आवास के वर्गीकरण (क्षेत्रफल के आधार पर) के तहत न्यूनतम 7,000/- से लेकर अधिकतम 42,000/- रुपये तक का भुगतान करना होगा और व्यसायिक को 26 रूपये, प्रति स्क्वेयर फीट भुगतान करना होगा। जबकि जल कर की पुरानी नियमावली में वाटर शुल्क मात्र 5,00/- रुपये ही निर्धारित था। हेमंत सरकार ने जल कर की नई नियमावली में वाटर कनेक्शन शुल्क में अप्रत्याशित वृद्धि कर दी है। परंतु राज्य सरकार शहर की जनता खासकर एपीएल परिवार के लिए वाटर कनेक्शन शुल्क में कई अप्रत्याशित वृद्धि की घोषणा करने से परहेज कर रही है। राज्य सरकार की नई जल कर नीति में बीपीएल परिवार को फायदा और एपीएल परिवार की जेब पर डाका डालने की रूपरेखा तैयार की गई है। राज्य सरकार की मनःस्थिति को देखते हुए ऐसा लगता है कि झारखंड राज्य में एपीएल परिवार के सभी लोग सुखी-सम्पन्न और धनाढ्य हैं।