Rahul Gandhi
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    वायनाड/केरल: कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपने कार्यालय पर हमला करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं को ‘‘बच्चा” करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके मन में इन लोगों के प्रति कोई क्रोध या शत्रुता नहीं है तथा हिंसा से कभी समस्याओं का समाधान नहीं होता। यहां अपने निर्वाचन क्षेत्र के तीन दिवसीय दौरे पर आए गांधी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ कार्यालय पहुंचे तथा नुकसान का जायजा लिया। 

    वायनाड से सांसद गांधी ने उन पार्टी कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की जो इस हमले में घायल हो गए थे। उन्होंने क्षतिग्रस्त चीजों का निरीक्षण किया तथा हमलावरों द्वारा रखे गए केले के पौधे को हटाकर वह कार्यालय की कुर्सी पर भी बैठे।  यहां अपने सांसद कार्यालय पर हमले के बाद यह पहली बार है जब गांधी अपने लोकसभा क्षेत्र में पहुंचे हैं।

    केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) की छात्र शाखा स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने बफर जोन के मुद्दे पर पिछले शुक्रवार को गांधी के वायनाड कार्यालय पर हमला किया था।  गांधी ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि यह वायनाड के लोगों का कार्यालय है तथा वामपंथी छात्र कार्यकर्ताओं द्वारा जो कुछ किया गया, वह “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” है।  उन्होंने कहा कि हिंसा से कभी भी समस्याओं का समाधान नहीं होता और उनके मन में उनके (तोड़फोड़ करने वालों के) प्रति कोई क्रोध या शत्रुता नहीं है।

    कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने कहा, ‘‘देश में आप सर्वत्र जो विचार देखते हैं वह यह है कि हिंसा से समस्याएं हल हो जाएंगी। लेकिन हिंसा कभी समस्याओं का हल नहीं करती है… ऐसा करना अच्छी बात नहीं है…उन्होंने गैर-जिम्मेदाराना ढंग से काम किया। लेकिन मेरे मन में उनके प्रति कोई गुस्सा या शत्रुता का भाव नहीं है।” गांधी ने हिंसा करने वाले एसएफआई कार्यकर्ताओं को ‘‘बच्चा” करार दिया।

    पिछले हफ्ते गांधी के खिलाफ एसएफआई का प्रदर्शन तब हिंसक हो गया जब वामपंथी कार्यकर्ताओं का एक समूह यहां उनके कार्यालय में कथित तौर पर घुस गया और तोड़फोड़ की। उन्होंने गांधी पर वनों के इर्द-गिर्द बफर जोन के मुद्दे पर निष्क्रियता बरतने का आरोप लगाते हुए उनके कार्यालय तक मार्च निकाला था। घटना के बाद केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इस घटना की निंदा की थी और कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। 

    गांधी के वायनाड लोकसभा क्षेत्र के कालपेट्टा स्थित कार्यालय में एसएफआई कार्यकर्ताओं के ‘‘हिंसक कृत्य” की कड़ी निंदा करते हुए कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया था जो कुछ जगह हिंसक हो गया था। उच्चतम न्यायालय ने तीन जून को आदेश दिया था कि पारस्थितिकी रूप से संवेदनशील क्षेत्र (ईएसजेड) में किसी स्थायी संरचना का निर्माण नहीं किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने कहा था कि यदि स्थानीय कानून या अन्य नियम एक किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में ईएसजेड की व्यवस्था प्रदान करते हैं तो पहले के प्रावधान बने रहेंगे। (एजेंसी)