
कोलकाता: पश्चिम बंगाल (West Bengal) में राजनीति लगातार बदल रही है. विधानसभा स्पीकर (Assembly Speaker) ने तृणमूल कांग्रेस (Trinmool Congress) के बागी नेता और पूर्व मंत्री शुभेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के इस्तीफे को नामंजूर कर दिया है. शुक्रवार को स्पीकर ने कहा, “मैंने पत्र की जांच की है और पाया है कि इसमें तारीख निर्दिष्ट नहीं है। मुझे सूचित नहीं किया गया था कि उनका (सुवेन्दु अधिकारी) इस्तीफा स्वैच्छिक और वास्तविक है। इसलिए इसे स्वीकार करना संभव नहीं है। मैंने उसे 21 दिसंबर को मेरे सामने पेश होने के लिए कहा है।”
I have examined the letter & found that date isn’t specified in it. I hadn’t been informed that his (Suvendu Adhikari) resignation is voluntary & genuine. So it’s not possible to accept it. I’ve asked him to appear before me on 21st Dec: Speaker, West Bengal Legislative Assembly pic.twitter.com/4AotmhCdvN
— ANI (@ANI) December 18, 2020
ज्ञात हो कि पिछले कई महीनों से अधिकारी मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी और टीएमसी से नाराज चल रहे थे। जिसके कारण पहले उन्होंने राज्य के मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। मंत्री पद छोड़ने के बाद पार्टी के कई बड़े नेताओं ने उन्हें समझाया जिससे लगा की वह मान गए हैं, लेकिन पिछले दिनों उन्होंने विधायक के साथ पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
मनाने की आखिरी कोशिश
शुभेंदु का पार्टी छोड़ना ममता बैनर्जी के साथ टीएमसी के लिए बहुत बड़ा झटका है. राज्य की 100 से ज्यादा सीटों पर अधिकारी परिवार का प्रभाव है, जिसका नुकसान तृणमूल को होगा। स्पीकर द्वारा इस्तीफा नामंजूर करना टीएमसी द्वारा उन्हें मनाने के आखिरी प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।
कल हो सकते हैं भाजपा में शामिल
टीएमसी से इस्तीफा देने के बाद अधिकारी की भाजपा में शामिल होने की चर्चा है। कल 19 दिसंबर को वह पूर्बा मेदिनीपुर में गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो सकते हैं। वहीं पिछले दिनों पार्टी के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने अधिकारी को लेकर कहा था कि, “उनकी पार्टी में शामिल होने की सब तैयारी हो गई है।“
टिकट नहीं मिलेगा इसलिए छोड़ रहे पार्टी
मुख्यमंत्री ममता बैनर्जी के पिछले दिनों बिना नाम लिए अधिकारी पर हमला बोला था। जलपाईगुड़ी में आयोजित के सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि, “टीएमसी एक बरगत के पेड़ की तरह है, कुछ लोगों के जाने से कोई फर्क नहीं पड़ता। जिन लोगों को पता है चुनाव में टिकट नहीं मिलेगा इसलिए पार्टी छोड़कर जा रहे हैं।“