After Punjab, West Bengal Assembly passed a resolution against increasing the jurisdiction of BSF
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    कोलकाता: सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का अंतर्कलह रविवार को फिर सामने आया, जब पार्टी के एक और विधायक ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के कामकाज के तरीके पर सवाल उठाए। एक दिन पहले वरिष्ठ नेता पार्थ चटर्जी ने सदस्यों से कहा था कि वे सार्वजनिक रूप से शिकायत करने से बचें और अगर कोई मुद्दा है, तो अनुशासनिक समिति से बातचीत करें।

    पार्टी के कमारहाटी से विधायक मदन मित्रा ने जानना चाहा कि पार्टी की अनुशासनिक समिति कहां से काम कर रही है, क्योंकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हरीश चटर्जी मार्ग स्थित आवास से चल रहा पार्टी कार्यालय सुरक्षा प्रोटोकॉल के कारण ‘‘पहुंच से दूर” है और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ‘‘अखिल भारतीय गतिविधियों” में व्यस्त हैं।

    कोविड-19 के बढ़ते मामलों को देखते हुए अभिषेक बनर्जी द्वारा राजनीतिक एवं धार्मिक सभाओं को दो महीने के लिए स्थगित करने के संबंध में दिये गए बयान पर शनिवार को टीएमसी के सांसद कल्याण बंदोपाध्याय और पार्टी प्रवक्ता कुणाल घोष के बीच वाक् युद्ध छिड़ गया था। 

    बंदोपाध्याय ने कहा था कि डायमंड हार्बर के सांसद को निजी विचार सार्वजनिक नहीं करने चाहिए, लेकिन घोष ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव का समर्थन किया था, जिसके बाद दोनों के बीच गरमागरम बहस हुई। चटर्जी ने सदस्यों को सार्वजनिक रूप से शिकायत करने के खिलाफ चेतावनी दी और कहा कि अगर कोई मुद्दा है तो पार्टी की अनुशासनिक समिति के पास जाना चाहिए। 

    इस पर मित्रा ने रविवार को चटर्जी पर निशाना साधते हुए कहा, ‘‘इससे पहले पार्टी कार्यालय हरीश चटर्जी मार्ग पर था, लेकिन मुख्यमंत्री के आवास के बाहर कड़ी सुरक्षा के कारण हम वहां नहीं जा सकते हैं। अभिषेक बनर्जी पार्टी की अखिल भारतीय गतिविधियों में व्यस्त हैं। मेरी वहां पहुंच नहीं है। टोप्सिया में हमारा कार्यालय सामान्यत: खाली रहता है। अनुशासनिक समिति कहां से काम कर रही है?” राज्य के संसदीय मामलों के मंत्री से जब मित्रा की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह ‘‘अंदरूनी मामलों” पर मीडियाकर्मियों के साथ चर्चा नहीं करना चाहते हैं।(एजेंसी)