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कोलकाता:  तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मुकुल रॉय ने बुधवार को कहा कि वह भगवा खेमे के सिपाही हैं और 2021 में तृणमूल कांग्रेस में फिर से शामिल होने के बाद वह ‘मानसिक’ रूप से कभी उससे जुड़े ही नहीं, इसलिए उससे इस्तीफे का कोई सवाल ही नहीं है। रॉय इससे पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए भविष्य में काम करने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं। 

तृणमूल कांग्रेस के संस्थापक सदस्यों में शामिल रहे रॉय 2017 में भाजपा में आ गये थे। वह 2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में जीते। हालांकि, वह चुनाव परिणाम के फौरन बाद तृणमूल कांग्रेस में लौट गये। उन्होंने तब सदन की सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया था और तकनीकी रूप से वह अब भी भाजपा विधायक हैं।

नयी दिल्ली से ‘पीटीआई-भाषा’ को टेलीफोन पर दिये गये साक्षात्कार में रॉय ने कहा कि भाजपा पश्चिम बंगाल में आगामी पंचायत चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी और 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पिछले सप्ताह रखे गये 35 से अधिक सीटों के लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह दुरुस्त हूं। कुछ लोग अफवाह फैला रहे हैं कि मैं अस्वस्थ हूं, जो सही नहीं है। मैं भाजपा विधायक हूं और पार्टी के लिए यहां आया हूं। मैं अपनी पार्टी भाजपा के लिए काम करना चाहता हूं। मैं तृणमूल कांग्रेस के साथ मानसिक रूप से कभी नहीं था।” तृणमूल कांग्रेस से दोबारा जुड़ने के बाद पार्टी के साथ उनके तालमेल के बारे में पूछने पर 69 साल के रॉय ने कहा, ‘‘मैं उस वक्त सही नहीं था और मानसिक रूप से कभी उसका हिस्सा नहीं रहा।”

तृणमूल कांग्रेस में लौटने के बाद से रॉय अपनी सेहत का हवाला देते हुए सार्वजनिक कार्यक्रमों से दूर रहे हैं।  वहीं, रॉय के डॉक्टरों और उनके बेटे के मुताबिक वह डिमेंशिया और पार्किंसन रोग से जूझ रहे हैं। पिछले महीने उनका मस्तिष्क का एक ऑपरेशन भी हुआ था। डॉक्टरों ने बताया कि उनके शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है लेकिन उनकी मानसिक सेहत को लेकर वे भी अनिश्चित हैं। 

मुकुल रॉय का कुछ समय से इलाज कर रहे प्रख्यात न्यूरोसर्जन डॉ.एस.एन.सिंह ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पिछले महीने के मुकाबले मुकुल रॉय के शारीरिक स्वास्थ्य में बहुत सुधार हुआ है। लेकिन उनकी दिमागी सेहत में कितना सुधार आएगा इसका आकलन अभी किया जाना है…डिमेंशिया कभी पूरी तरह से ठीक नहीं होता और उम्र बढ़ने के साथ स्थिति और खराब होने की आशंका रहती है।” तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफा देने के सवाल पर रॉय ने कहा, ‘‘तृणमूल कांग्रेस से इस्तीफे का कोई सवाल नहीं है क्योंकि मैं आधिकारिक रूप से इसका हिस्सा हूं ही नहीं। मैं अब भी भाजपा विधायक हूं।”

हालांकि उन्होंने तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी के इस बयान पर कोई टिप्पणी नहीं की कि वह भाजपा विधायक हैं और यदि वह दिल्ली जाना चाहते हैं तो उनका मामला है। रॉय ने कहा कि वह जल्द गृह मंत्री शाह और भाजपा अध्यक्ष जे पी नड्डा से मिलेंगे और भाजपा के लिए काम करना शुरू करेंगे।

रॉय के बेटे शुभ्रांग्शु ने दावा किया था कि उनके पिता को इलाज की जरूरत है और उनके बयान को गंभीरता से नहीं लेना चाहिए। क्या रॉय ने अपने बेटे से बात की है, यह पूछा गया तो उन्होंने ‘हां’ में जवाब दिया। उन्होंने कहा कि उनके अचानक दिल्ली आने की वजह से वह चिंतित हो गया। रॉय सोमवार रात को कुछ निजी काम से दिल्ली आये थे। उनके परिवार ने शुरू में उनके लापता होने का दावा किया। बाद में आरोप लगाया कि भाजपा गंदी राजनीति कर रही है और अस्वस्थ रॉय का इस्तेमाल कर रही है।  (एजेंसी)