नई दिल्ली: मंकीपॉक्स धीरे धीरे उत्तर प्रदेश में पैर पसार रहा है। बुधवार को गाजियाबाद में मंकीपॉक्स के दो संदिग्ध मामले सामने आए हैं। जिसके बाद प्रशासन अलर्ट मोड में आ गया है। संदिग्ध मरीजों को आइसोलेट कर दिया गया है। उनके नमूने पुष्टि के लिए पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजे गए हैं।
इस बीच, बुधवार को ही दिल्ली के सटे नोएडा में भी मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला सामने आया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी ने यह जानकारी दी है। उनके अनुसार, मरीज एक 47 वर्षीय महिला है, जिसने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग से संपर्क किया, जिसके बाद उसके नमूने लिए गए।
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एक स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा, “नमूने परीक्षण के लिए लखनऊ भेजे गए हैं और मरीज इस समय घर में अलग-थलग है। परीक्षण के परिणाम आने के बाद ही मंकीपॉक्स की पुष्टि की जा सकती है।”
देश में अब तक चार मामले
भारत में अब तक मंकीपॉक्स के चार मामले, केरल में तीन और दिल्ली में एक मामले दर्ज किए गए हैं।
मंकीपॉक्स वायरस के लक्षण
यह रोग मंकीपॉक्स वायरस के कारण होता है जोकि ओर्थोपॉक्स वायरस जींस का सदस्य है। मंकीपॉक्स होने पर व्यक्ति के शरीर पर 2 से 4 हफ्तों तक लक्षण दिखाई दे सकते हैं।यह आमतौर पर बुखार, सिरदर्द, चकत्ते, गले में खराश, खांसी और सूजी हुई लिम्फ नोड्स इसके लक्षण है। हालांकि यह चिकित्सकीय रूप से कम गंभीर बताया जा रहा है।
मंकीपॉक्स वायरस से सावधानी
इससे बचाव के लिए जंगली जानवरों से बचकर रहें।
मीट पूरी तरह ना पका हुआ हो तो उसे ना खाएं।
पालतू जानवर यदि संक्रमित हो जाए तो उसे 30 दिनों तक क्वारंटीन करके रखें।