Uttar Pradesh Ambulance Drivers Strike : Police action on ambulance strike in Ballia, UP, case registered against more than 250 drivers
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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government) गौ सेवा अभियान के तहत उनके लिए एंबुलेंस (Ambulance) सेवा शुरु करेगी। यह देश में पहली अपनी तरह की अनोखी एंबुलेंस सेवा होगी। बीमार गायों (Sick Cows) की सूचना देने के लिए काल सेंटर (Call Center) बनाया जाएगा। प्रदेश में आवारा पशुओं पर नजर रखने के लिए उनमें माइक्रोचिप (Micro Chip) भी लगायी जाएगी। प्रदेश सरकार आवारा जानवरों की जियो टैगिंग पहले से कर रही है। माइक्रोचिप गायों के शरीर के भीतर लगाया जाएगा और इससे उनकी आवाजाही की जानकारी मिलती रहेगी। 

    गायों के प्रजनन के लिए एब्रियों ट्रांसप्लांट की सुविधा भी शुरु की जाएगी। इस तकनीकी से दूध देने वाली मादा गाय ही जन्म लेगी। इस तकनीक में गाय के सीमेन से तैयार भ्रूण को 8 से 10 गायों में रखा जाता है। इस विधि के प्रयोग से गाय के गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है।

    24 घंटे उपलब्ध रहेगी सेवा

    प्रदेश सरकार के पशुधन मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण के मुताबिक, अगले महीने से सरकार गायों के लिए अभिनव नाम से एंबुलेंस सेवा शुरु करने जा रही है। बीमार गायों के लिए यह सेवा 24 घंटे उपलब्ध रहेगी। एंबुलेंस के संचालन के लिए कंट्रोल रुम भी बनाए जाएंगे। प्रदेश में किसी भी गाय के बीमार होने या फिर हादसे का शिकार होने की सूचना पर एंबुलेंस तत्काल मौके पर पहुंचेगी। उसका इलाज करेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ दिसंबर के पहले हफ्ते में इस योजना को शुर कर सकते हैं। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा पहला राज्य होगा, जहां गायों के इलाज के लिए सरकारी स्तर पर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध रहेगी। साथ ही राज्य सरकार गायों की नस्लों की सुधार के लिए ‘एब्रियो ट्रांसप्लांट’ की व्यवस्था भी पशुपालकों को उपलब्ध कराएगी।

    एम्बुलेंस में एक डॉक्टर, एक मेडिकल स्टाफ और एक चालक रहेगा

    पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री ने बताया कि केंद्र सरकार ने 520 एंबुलेंस के लिए बजट आवंटित किया, जो विभाग को मिल चुका है। जल्द ही इस योजना के तहत इन एंबुलेंस को खरीदकर काम पर लगाया जाएगा। इस एम्बुलेंस में एक डॉक्टर, एक मेडिकल स्टाफ और एक चालक रहेगा। चौधरी लक्ष्मी नारायण ने बताया कि उत्तर प्रदेश  देश का पहला राज्य है, जहां गायों के संरक्षण और संवर्धन के लिए इस तरह के काम किए जा रहें हैं। प्रदेश में इस समय 7 लाख गायों को हर महीने 900 रुपए प्रत्येक गाय के हिसाब से भरण पोषण के लिए दिए जा रहे हैं। 

    रजिस्टर्ड गोशाला को आर्थिक मदद की जा रही

    इसके अलावा 200 वृहद गो संरक्षण केंद्र , 5500 अस्थाई गोशाला बनवाई गईं हैं और 542 रजिस्टर्ड गोशाला को आर्थिक मदद की जा रही है। प्रदेश सरकार गायों के नस्ल सुधार कार्यक्रम के तहत पशुपालकों को 3 बार गायों के मुफ्त गर्भाधान की सुविधा उपलब्ध कराएगी। एब्रियो ट्रांसप्लांट तकनीक के जरिए  गायों के सौ फीसदी गर्भाधान की व्यवस्था की जाएगी। इस विधि के प्रयोग से गाय के गर्भवती होने की संभावना बढ़ जाती है। इसमें लगभग 92 फीसदी बछिया ही पैदा होती हैं। इस तकनीक की खास बात ये भी है कि इससे जन्मी गाय दूध भी ज्यादा देती है। इस तकनीक का प्रयोग पहले बाराबंकी जिले में किया गया। जहां इस तकनीक से अच्छे परिणाम मिले थे। इसी को अमल में लाकर सरकार राज्य के सभी जिलों में ये सुविधा उपलब्ध कराने पर काम कर रही है।