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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में अब किसानों की समस्याओं का समाधान बस एक टेलीफोन कॉल पर हो सकेगा। योगी सरकार ने किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए काल सेंटर (Call Center) कम हेस्प डेस्क (Help Desk) की शुरुआत की है। इसके जरिए प्रदेश के लाखों किसानों को सम्मान निधि, भूलेख में विवरण दर्ज करने के साथ केवाईसी और पंजीकरण की जानकारी की जानकारी मिल सकेगी।

    उत्तर प्रदेश सरकार के प्रवक्ता के मुताबिक, इसी महीने की 17 अक्टूबर को किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि की 12वीं किश्त जारी करने के साथ ही सरकार ने किसानों की समस्याओं के निराकरण के लिए कॉल सेंटर कम हेल्प डेस्क सुविधा की शुरुआत करने का फैसला किया और इसका शुभारंभ कर दिया गया। मिली जानकारी के मुताबिक, कॉल सेंटर कम ऑनलाइन हेल्पलाइन डेस्क त्रिस्तरीय बनाया गया है। इसमें विकास खंड, जिला और प्रदेश स्तर पर किसानों की समस्याओं का निराकरण हो सकेगा। 

    काल सेंटर दो शिफ्ट में होगा काम

    काल सेंटर सुबह से शाम तक संचालित होगा जिसमें कृषि विभाग के कर्मी हेल्प डेस्क पर किसानों की समस्याओं को सुनेंगे और निश्चित समय अवधि में इनका समाधान भी करेंगे। कृषि विभाग इन हेल्प डेस्क के लिए योग्य और ट्रेंड कर्मी उपलब्ध कराएगा, जो दो शिफ्ट में काम करेंगे। विकास खंड स्तर पर किसानों को व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर अपनी समस्या से अवगत कराना होगा, जबकि जनपद और प्रदेश स्तर पर वो एक कॉल से कृषि विभाग के कर्मियों से कनेक्ट हो सकेंगे।

    पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किश्त हो चुकी है जारी

    कॉल सेंटर/हेल्प डेस्क के द्वारा कृषि विभाग के कर्मी किसानों के नाम, पिता का नाम, मोबाइल/आधार/ पीएम किसान आईडी नंबर एवं पता के साथ किसानों द्वारा बताई गई समस्या को रिकॉर्ड करेंगे। इसके बाद उनको पीएम किसान सम्मान निधि के मानक के अनुरूप भूलेख अंकन ई केवाईसी एवं पंजीकरण के बारे में अवगत कराया जाएगा। इसके अलावा सम्मान निधि से जुड़ी अन्य समस्याओं को भी सुना जाएगा और निर्धारित समय में उसका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा। विकास खंड स्तर पर समस्या नहीं सुलझने पर जिला स्तर और फिर प्रदेश स्तर तक किसान अपनी बात रख सकेंगे। गौरतलब है कि पीएम किसान सम्मान निधि की 12वीं किश्त 17 अक्टूबर को जारी की गई है। इसके तहत प्रदेश के 2.60 करोड़ किसानों को इसका सीधा लाभ मिला है। अब तक इन किसानों के खाते में सरकार की ओर से 48324 करोड़ रुपए हस्तांतरित किए जा चुके हैं।