वाराणसी: वाराणसी की जिला अदालत ज्ञानवापी मस्जिद की एएसआई सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को सौंपने के मामले में अब छह जनवरी को फैसला सुनायेगी। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता मदन मोहन यादव ने शुक्रवार को बताया कि वाराणसी की जिला अदालत ने ज्ञानवापी परिसर के सीलबंद रिपोर्ट को खोलने और पक्षकारों को सौंपने के मामले में आदेश सुनाने के लिए छह जनवरी की तिथि तय की है।
उन्होंने बताया कि इस मामले में सुनवाई पूरी हो चुकी है और जिला न्यायाधीश ए के विश्वेश ने आज कहा कि आदेश टाइप नहीं हुआ है, इसलिए आदेश कल, शनिवार को जारी किया जाएगा। यादव ने बताया कि इसके पहले बृहस्तवार को जिला न्यायाधीश ए. के. विश्वेश आज महामना मदन मोहन मालवीय के जयंती के कार्यक्रम में शामिल होने और कचहरी परिसर में एक वकील के निधन पर शोक मनाये जाने की वजह से भी अदालत की कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी, लिहाजा जिला न्यायाधीश ने आदेश सुनाने के लिए पांच जनवरी की तारीख तय की थी।
Varanasi court to decide Saturday on making ASI survey report on Gyanvapi mosque public: Hindu side counsel
— Press Trust of India (@PTI_News) January 5, 2024
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट को खोलने और पक्षकारों को सौंपने के लिए जिला अदालत से चार सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया था जिसके बाद मामले को गुरूवार तक के लिए टाल दिया गया था। एएसआई ने चार सप्ताह का समय मांगते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय के हालिया फैसले का हवाला दिया था। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पिछले साल 19 दिसंबर को वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद की मौजूदगी वाली जगह पर कथित मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग संबंधी मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षों की कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने अपनी टिप्पणी में कहा था कि वर्ष 1991 का पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) किसी प्रार्थना गृह के धार्मिक चरित्र को परिभाषित नहीं करता है और इसे केवल विरोधी पक्षों द्वारा अदालत में प्रस्तुत साक्ष्य के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है।
न्यायालय ने निचली अदालत को इस मामले को छह महीने के अंदर निपटाने के निर्देश देते हुए कहा था कि अगर जरूरी हो तो निचली अदालत एएसआई को परिसर के छूटे हुए हिस्से का सर्वेक्षण करने का निर्देश दे सकती है। जिला अदालत के 21 जुलाई 2023 के आदेश के बाद एएसआई ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था। इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि 17 वीं शताब्दी में बनी ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं। (एजेंसी)