- घर-घर चला दस्तक अभियान, 1 लाख दस हजार से अधिक लक्षणयुक्त लोगों को किया गया चिन्हित
- एक लाख से अधिक लोगों को मिली मेडिसिन किट
लखनऊ : उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में ‘फोर टी’ रणनीति (Strategy) के तहत कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते प्रदेश (State) में सक्रिय केस (Daily Cases) के मामलों में गिरावट दर्ज करने के साथ ही संक्रमण (Infection) के दैनिक मामलों में कमी आई है। मुख्यमंत्री (Chief Minister) योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) के दिशा निर्देशानुसार 24 से 29 जनवरी तक प्रदेश भर में डोर टू डोर कैंपेन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
ये प्रदेशव्यापी विशेष सर्विलांस अभियान बहुत प्रभावी रहा है। इस सर्विलांस कार्यक्रम से जुड़ी निगरानी समितियां, आशा और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की टीम प्रदेश के घर-घर गईं और लोगों का हाल चाल पूछा। इस छह दिवसीय सर्विलांस कार्यक्रम में 1 लाख दस हजार से अधिक लक्षणयुक्त लोगों को चिन्हित किया गया। जबकि 239 लोगों को इलाज के लिए तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया।
इस डोर टू डोर सर्विलांस कार्यक्रम में टीकाकरण से वंचित लोगों को चिह्नित करने के साथ ही नियमित टीकाकरण से छूट गए नवजात बच्चों की लाइन लिस्टिंग भी की गई। स्क्रीनिंग के दौरान 4.18 लाख वरिष्ठ नागरिक बिना टीकाकरण के मिले इन सभी को तत्काल टीकाकवर देने के निर्देश सीएम ने आला अधिकारियों को दिए हैं। संक्रमण के कारण प्रदेश में 2 साल से छोटे लगभग 7.01 लाख नवजात शिशुओं के नियमित टीकाकरण और 2.89 लाख गर्भवती महिलाओं का वैक्सीनेशन बाकी रह गया है। जिसके लिए भी सीएम ने जल्द से जल्द टीका देने के लिए अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
एक लाख से अधिक लोगों को मिली मेडिसिन किट
माइक्रो प्लान के तहत डोर टू डोर की गई स्क्रीनिंग में अब तक एक लाख से अधिक लोगों को मेडिसिन किट दी गई है। प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर से अब तक निगरानी समितियों की ओर से 79 लाख एडल्ट मेडिकल किट और 25 लाख से अधिक बच्चों की मेडिकल किट का वितरण किया जा चुका है। प्रदेश सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कॉर्पोरेशन लिमिटेड (यूपीएमएससीएल) एक करोड़ मेडिकल किट का वितरण इन निगरानी समितियों की ओर से की जा रही है।