Gyanvapi Case
ज्ञानवापी मस्जिद केस (प्रतीकात्मक फोटो)

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प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय (Allahabad High Court) के न्यायमूर्ति मनीष कुमार निगम ने वाराणसी (Varanasi) में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर (Gyanvapi Masjid) के वजूखाना के सर्वेक्षण (Vajukhana Survey) से इनकार संबंधी वाराणसी की अदालत के आदेश के खिलाफ याचिका पर सुनवाई से बुधवार को खुद को अलग कर लिया। 

31 जनवरी को होगी अगली सुनवाई

अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह मामला सुनवाई के लिए अन्य न्यायाधीश को नामित करने के लिए मुख्य न्यायाधीश की अदालत में भेजा जाएगा। अदालत ने आगे की कार्रवाई के लिए 31 जनवरी की तारीख तय की है।यह पुनरीक्षण याचिका राखी सिंह द्वारा दायर की गई है जो श्रृंगार गौरी पूजा वाद में वादकारियों में से एक हैं। बता दें, वाराणसी की अदालत ने 21 अक्टूबर, 2023 को दिए आदेश में राखी सिंह की यह दलील खारिज कर दी थी। जिसमें कहा था कथित शिवलिंग को छोड़कर वजूखाना का सर्वेक्षण प्रश्नगत संपत्ति का धार्मिक चरित्र निर्धारित करने के लिए आवश्यक है।

राखी सिंह का आवेदन हुआ था खारिज

हालांकि, राखी सिंह का आवेदन खारिज करते हुए जिला न्यायाधीश ने अपने आदेश में कहा था कि उच्चतम न्यायालय ने 17 मई, 2022 के अपने आदेश में उस क्षेत्र को संरक्षित करने का आदेश दिया था जहां कथित तौर पर शिवलिंग पाया गया। जिला न्यायाधीश के आदेश के अनुसार, इसलिए एएसआई को उस क्षेत्र का सर्वेक्षण करने का निर्देश देना उचित नहीं है क्योंकि इससे उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन होगा।  

(एजेंसी)