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    बाराबंकी. जैसे-जैसे उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election) नजदीक आ रहा है वैसे-वैसे यूपी (UP) का राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। यूपी विधानसभा चुनाव में कायस्थ समाज (Barabanki) को उचित प्रतिनिधित्व मिले इसके लिए बाराबंकी में एक सम्मेलन का आयोजन किया गया। सम्मेलन में उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से हाशिए पर जाते हुए कायस्थ समाज ने अब एकजुट हो कर अपनी हकदारी की मांग करनी शुरू कर दी। कायस्थों का पहला राजनीतिक सम्मेलन लखनऊ-बाराबंकी मार्ग पर समृद्धि लांस में हुआ, जिसमें 12 जिलों के कायस्थों ने शिरकत की। 

    सम्मेलन में सपा-भाजपा सहित सभी दलों के नेता उपस्थित थे। जिसमें प्रमुख रूप से सपा के राष्ट्रीय सचिव नवीन कुमार, भाजपा प्रवक्ता हरिश्चंद्र श्रीवास्तव, सपा के प्रदेश सचिव दीपक रंजन, बाराबंकी के पूर्व नगरपालिका चेयरमैन रंजीत बहादुर श्रीवास्तव, सपा नेत्री रीब श्रीवास्तव, गोरखपुर चित्रगुप्त मंदिर के अध्यक्ष इन्द्रसेन श्रीवास्तव, बार काउंसिल के नेता अजय शंकर बंटी सहित 7 जिलों के चित्रगुप्त मंदिर के अध्यक्ष और कायस्थ समाज के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। 

    सम्मेलन के संयोजक एवं गोरखपुर जिला को ऑपरेटिव बैंक के पूर्व अध्यक्ष दिवेश चंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र में जिस वक्त जातीय गोलबंदी और संगठित ताकत महत्वपूर्ण हो गयी है, उस वक्त कायस्थ राजनीतिक रूप से सबसे कमजोर दिखाई दे रहा है। उत्तर प्रदेश में हमारी संख्या करीब डेढ़ करोड़ की है और कई जगहों पर अच्छे घनत्व के कारण उत्तर प्रदेश की करीब 55 विधान सभा सीटों पर हार जीत का फैसला कायस्थ मतदाता ही करता है, लेकिन दुर्भाग्य देखिये कि वर्तमान विधान सभा में मात्र 3 विधायक ही कायस्थ समाज से हैं, जबकि पहली विधान सभा में यह संख्या 53 थी। सम्मेलन में एकमत से तय किया गया कि प्रदेश की कायस्थ बहुल सीटों पर समाज के लोगो की दावेदारी की जाएगी और जिस पार्टी ने कायस्थ को टिकट दिया कायस्थ समाज उसी को वोट करेगा और कायस्थों की उपेक्षा करने वाले दल का खुलेआम विरोध किया जाएगा। सम्मेलन में तय हुआ कि इस बार के चुनावों में कायस्थ समाज रणनीतिक तौर पर वोट करेगा जिससे कायस्थ समाज की राजनीतिक ताकत का पता उन दलों को चल जाएगा जो हमे उपेक्षित कर रहे है।