जानें क्यों पूरे यूपी में मनाएगा जाएगा ‘व्यापारी साहस दिवस’, यहां पढ़ें पूरी जानकारी

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार (Government of Uttar Pradesh) के औद्योगिक विकास मंत्री और व्यापारी नेता नंद गोपाल गुप्ता नंदी (Nand Gopal Gupta Nandi) पुनर्प्राप्त जन्म दिवस को व्यापारी संगठनों ने ‘व्यापारी साहस दिवस’ के रूप में मनाने का फैसला लिया है। 12 जुलाई को ईश्वर ने उन्हें पुनर्जन्म दिया। व्यापारी इसे साहस दिवस के रूप में हर साल मानते आ रहे हैं। इसके तहत तमाम कार्यक्रम आयोजित होंगे। प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी मंत्री नन्दी 12 जुलाई को अपने परिवार, हजारों समर्थकों, कार्यकर्ताओं के साथ पुनर्प्राप्त जन्म दिवस मनाएंगे। इस दिन मंत्री बहादुरगंज स्थित प्राचीन मनोकामना पूर्ति मंदिर में रुद्राभिषेक और प्रसाद वितरण करेंगे। जिसमें बड़ी संख्या में शहर के साथ ही पूरे प्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के विभिन्न राज्यों के लोग, उद्यमी, व्यापारी शामिल होंगें।

13 वर्ष पूर्व 12 जुलाई 2010 का दिन था, जब व्यापारियों के हितों के लिए संघर्ष कर रहे, गुंड़ों माफियाओं को चुनौती दे रहे उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्‍ता नंदी पर शहर के बहादुरगंज में रिमोट कंट्रोल आरडीएक्स बम से हमला हुआ था। हमला इतना जोरदार था कि पूरा शहर दहल उठा था। हर तरफ लोग सहमें और डरे नजर आए थे। इस हमले में सुरक्षाकर्मी और एक पत्रकार को मौत हो गई थी और मंत्री नंद गोपाल नन्दी बम ब्‍लास्‍ट में गंभीर रूप से जख्‍मी हुए थे। हमले के बाद से पूरे प्रयागराज के हजारों समर्थकों और चाहने वालों के स्नेह और आशीर्वाद से सात महीने इलाज के बाद वे स्वस्थ हुए थे। तब से लेकर अब तक प्रत्‍येक वर्ष मंत्री नंद गोपाल नन्दी 12 जुलाई को अपना पुनर्प्राप्त जन्मदिवस मनाते हैं।

हर वर्ष की तरह इस वर्ष धूमधाम से मनाएंगे पुनर्प्राप्त उत्सव

प्रत्येक वर्ष की तरह इस बार भी मंत्री नन्दी 12 जुलाई को अपने परिवार, हजारों समर्थकों, कार्यकर्ताओं के साथ पुनर्प्राप्त जन्म दिवस मनाएंगे। इस दिन मंत्री बहादुरगंज स्थित प्राचीन मनोकामना पूर्ति मंदिर में रुद्राभिषेक और प्रसाद वितरण करेंगे। जिसमें बड़ी संख्या में शहर के साथ ही प्रदेश और देश के विभिन्न राज्यों से कार्यकर्ता, समर्थक, उद्यमी और व्यापारी सम्मिलित होंगे।

मनोकामना पूर्ति मंदिर से है अटूट आस्था

12 जुलाई 2010 को बहादुरगंज के इसी प्राचीन मनोकानापूर्ति शिव मंदिर के सामने मंत्री नन्दी पर बम ब्‍लास्‍ट हुआ था। वह गंभीर रूप से जख्‍मी हुए थे। लंबे इलाज के बाद वह स्‍वस्‍थ हुए थे। आज वो यहां तक पहुंचे हैं और जीवित हैं तो प्राचीन मनोकामना पूर्ति शिव मंदिर में विराजमान भगवान भोलेनाथ का ही आशीर्वाद और उनकी कृपा है। मंत्री नन्दी का प्राचीन मनोकामना पूर्ति शिव मंदिर और शंकर भगवान में अटूट आस्था है। 

संघर्ष भरा रहा परिवारिक जीवन

प्रयागराज शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र से विधायक और कैबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी का जीवन शुरू से चुनौतियों भरा रहा। इलाहाबाद के बहादुरगंज मुहल्ले में 23 अप्रैल 1974 को जन्मे नन्दी के पिता सुरेश चंद्र डाक विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे। मां विमला देवी घर में सिलाई, बुनाई करती थी। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के चलते नंदी सिर्फ इंटरमीडिएट तक ही पढ़ सके। वह बचपन में पटाखा, रंग-गुलाल की दुकान लगाते। मोहल्ले में सबसे पहले उनके घर में टेलीविजन आया तो बच्चों को पचास पैसे में उन्होंने महाभारत भी दिखाई। आर्थिक स्थिति सुधरने पर 1992 में मिठाई की दुकान लगाई। इसके बाद ट्रक लिया और फिर घी और दवाओं की एजेंसी ली। 1994 में रिश्तेदार के साथ ईंट भट्टे का बिजनेस शुरू किया। आर्थिक रूप से सुदृढ़ होने पर नन्दी ग्रुप ऑफ कंपनीज बना ली।

प्राचीन मनोकामनापूर्ति शिव मंदिर में करेंगे विशेष पूजन-अर्चन

वहीं, काल को मात देने वाले उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी बहादुरगंज स्थित प्राचीन मनोकामनापूर्ति शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ की विशेष आराधना और पूजन अर्चन करेंगें। देश के 12 ज्योतिर्लिंग का जल लेकर प्रयागराज पहुंचे। ज्योतिर्लिंगों के पुजारी भगवान भोलेनाथ का विशेष रूद्राभिषेक करेंगे। इस दौरान विविध आयोजन होंगे। मंत्री नन्दी 12 जुलाई यानी पुर्नप्राप्त जन्मदिवस की शुरूआत रक्तदान से करेंगे। 13 वर्ष पहले जिस दिन बहादुरगंज इलाके में बम ब्लास्ट कर रक्त बहाया गया था, उसी दिन मंत्री नन्दी सुबह साढ़े आठ बजे से अपने आवास पर आयोजित रक्तदान शिविर सपरिवार रक्तदान कर जीवन बचाने का संदेश देंगें। मंत्री नन्दी के साथ ही बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एवं समर्थक रक्तदान करेंगें। सुबह नौ बजे से बहादुरगंज स्थित प्राचीन मनोकामना पूर्ति शिव मंदिर में रूद्राभिषेक पूजन शुरू होगा। मंत्री नन्दी सपरिवार व कार्यकर्ताओं व समर्थकों के साथ रूद्राभिषेक करेंगे। दोपहर करीब एक बजे तक रूद्राभिषेक पूजन करेंगें। रूद्राभिषेक के दौरान ही वाराणसी के प्रसिद्ध डमरूदल द्वारा भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए डमरूवादन किया जाएगा।

भोलेनाथ की विशेष आरती की जाएगी

मनोकामना पूर्ति मंदिर में विशेष पूजन के लिए भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग स्थल से एक-एक पुजारी को बुलाया गया है। जो अपने साथ लाए गए जल से भोलेनाथ का जलाभिषेक और रूद्राभिषेक करेंगें। रूद्राभिषेक पूजन का कार्यक्रम चलता रहेगा। इसके साथ ही 22 बटुक और पंडित भी भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा करेंगें मंत्रोच्चारण के बीच। जय त्रिवेणी, जय प्रयागराज की टीम द्वारा शाम सात बजे प्राचीन मनोकामना पूर्ति मंदिर में भगवान भोलेनाथ की विशेष आरती की जाएगी।

सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन 

मंत्री नन्दी के पुर्नप्राप्त जन्म दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और सांस्कृतिक संध्या का भी आयोजन होगा। दिन में एनसीजेडसीसी के बाल कलाकारों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जाएगी। गीत, नृत्य के साथ ही भजनों की प्रस्तुति की जाएगी। कलाकार ऋषि मिश्रा और वर्षा मिश्रा द्वारा संगीत संध्या का आयोजन होगा। वहीं अन्य कलाकारों द्वारा भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की जाएगी। पुर्नप्राप्त जन्मदिवस में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के साथ ही कैबिनेट मंत्री, राज्य मंत्रीगण, सांसद, विधायक के साथ ही उद्योगपति, उद्यमी आदि सम्मिलित होंगें। सुबह से लेकर देर रात तक भोजन प्रसाद ग्रहण करते रहेंगे।

पति को मौत के मुंह से खींच कर ले आईं अभिलाषा गुप्ता नन्दी

अभिलाषा गुप्ता नन्दी आज इन्हें प्रयागराज का प्रत्येक व्यक्ति न सिर्फ जानता है, पहचानता है बल्कि मानता भी है, लेकिन 13 वर्ष पहले अभिलाषा गुप्ता नन्दी की पहचान केवल एक घरेलू महिला के रूप में ही थी। वह भी अन्य महिलाओं की तरह ही परिवार की जिम्मेदारियों का निर्वहन करती थी, लेकिन 2010 में मंत्री नन्दी पर हुए जानलेवा हमले ने अभिलाषा गुप्ता नन्दी के भी जीवन को बदल दिया। अभिलाषा गुप्ता नन्दी ने हर मोड़ और हर कदम पर अपने दाम्पत्य जीवन की जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया। 2010 में जब मंत्री नन्दी पर आरडीएक्स रिमोट बम से जानलेवा हमला हुआ था। मंत्री नन्दी घायल अवस्था में अस्पताल में भर्ती थे। जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे थे। वह समय ऐसा था, जब मंत्री नन्दी द्वारा बनाया गया सब कुछ टूट कर बिखर जाता। उस समय अभिलाषा गुप्ता नन्दी टूटी नहीं, बल्कि चट्टान की तरह खड़ी रहीं। अपनी जीवटता से उन्होंने न केवल परिवार को सम्भाला, बल्कि मंत्री नन्दी के व्यापार को भी संभाला। 2012 में जब मंत्री नन्दी विधानसभा चुनाव हार गए तो अभिलाषा गुप्ता नन्दी ने अपने पति के आदेश का पालन करते हुए घर से बाहर निकलते हुए 2013 में महापौर का चुनाव लड़ा और निर्दलीय प्रत्याशी होने के बाद भी भारी मतों से विजयी हुई। महापौर बनने के बाद भी उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारियों का भी बखूबी निर्वहन किया। अभिलाषा गुप्ता नन्दी ने एक बार नहीं, बल्कि लगातार दो बार प्रयागराज के महापौर के रूप में प्रयागराज शहर का सजाया, संवारा और सुंदर बनाया। जनसेवा और पारिवारिक दायित्वों के बीच संतुलन बनाते हुए अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन किया।