लखनऊ: उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Prasad Maurya) के सतत मार्गदर्शन और निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (Uttar Pradesh State Rural Livelihood Mission) के तहत स्वयं सहायता समूह बनाकर, ग्रामीण महिलाओं को उनसे जोड़कर महिलाओं को आत्मनिर्भर (Atmanirbhar ) और स्वावलंबी बनाने के सतत प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के मार्ग को प्रशस्त किया जा रहा हैं। प्रदेश में 84 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को आजीविका मिशन के तहत आच्छादित कर जहां इन परिवारों के आर्थिक, सामाजिक और शैक्षिक उन्नयन की ओर बहुत तेजी के साथ अग्रसर किया जा रहा है, वहीं ग्रामीण अर्थव्यवस्था भी बेहतर हो रही है, यही नहीं, महिलाओं की आमदनी में इजाफा होने से उनका उनके, घर, परिवार और गांव और समाज में मान-सम्मान भी बढ़ा है।
उपमुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में स्वयं सहायता समूहों के तहत ग्रामीण परिवारों को जोड़ने के लक्ष्य को लेकर जनपदवार, क्षेत्र वार माइक्रोप्लानिंग के आधार पर रणनीति, निर्धारित कर जिला मिशन प्रबंधन इकाई और ब्लाक मिशन प्रबंधन इकाई में कार्यरत अधिकारियो और स्टॉफ की ब्लॉक वार लक्ष्य के सापेक्ष समूह गठन की प्रगति का अनुश्रवण करते हुए आवश्यक सहयोग प्रदान किया जा रहा हैं। सभी जनपदों को जन जागरूकता अभियान, कार्यशाला, प्रभात फेरी और मिशन के प्रशिक्षित कैडर की सहभागिता से 20 सितम्बर 2023 तक शत प्रतिशत गरीब परिवारों को स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से संतृप्त करने का लक्ष्य मिशन मोड में किए जाने के निर्देश निर्गत किए जा चुके है।
इतने करोड़ ग्रामीण परिवारों को जोड़ने की योजना
गौरतलब है कि अन्त्योदय के लक्ष्य की दिशा में अंतिम पायदान पर स्थित ग्रामीण गरीब परिवार को दीन दयाल अन्त्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (DAY-NRLM) अंतर्गत आच्छादित किए जाने की दिशा में ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार द्वारा सामाजिक लामबंदी जागरूकता अभियान द्वारा 20 सितम्बर 2023 तक प्रदेश के 1.18 करोड़ ग्रामीण परिवारों को स्वयं सहायता समूहों संतृप्त किए जाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित है और उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 84 लाख से अधिक ग्रामीण परिवारों को 7.59 लाख से अधिक स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से आच्छादित किया जा चुका है।
2,83,900 स्वयं सहायता समूह का किया गया गठन
राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की मिशन निदेशक श्रीमती सी. इन्दुमती ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 में कुल 2,83,900 स्वयं सहायता समूह के गठन द्वारा 40 लाख ग्रामीण परिवारों के आच्छादन के लक्ष्य की पूर्ति के लिए युद्ध स्तर पर मिशन मोड रूप में रणनीति बनाकर आन्तरिक रिसोर्स पर्सन कैडर, ग्राम स्तर पर गठित सोसल एक्शन कमेटी और समूह सखी के माध्यम से पूर्ण कराये जाने के लिए समस्त 75 जनपदों के उपायुक्त (स्वत रोजगार) और मुख्य विकास अधिकारियों को मिशन निर्देशित किया गया है। बताया कि वर्ष 23-24 में सभी लक्षित 2.83 लाख स्वयं सहायता समूह के 40 लाख से अधिक सदस्यों को मिशन स्तर पर सूक्ष्म वित्त एवं वित्तीय समावेशन प्रक्रिया से लाभान्वित किये जाने के लिए सामुदायिक सपोर्ट धनराशि उपलब्ध कराए जाने के लिए युद्ध स्तर पर तैयारी प्रारम्भ की जा चुकी है| सी. इंदुमती के अनुसार, वित्तीय वर्ष 23-24 में 2.83 लाख स्वयं सहायता समूह के गठन के लक्ष्य के सापेक्ष मात्र 2 माह में 44,344 स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से 9.15 लाख से अधिक परिवारों को आच्छादित किया जा चुका है जिनका ऑनलाइन डिजिटलकरण का कार्य तीव्र गति से किया जा रहा है।