कानपुर (उप्र): उत्तर प्रदेश के कानपुर (Kanpur) में 13 साल की एक किशोरी के साथ कथित सामूहिक बलात्कार (Gang Rape) के मामले की जांच के दौरान पुलिस पर पीड़िता के साथ अपमानजनक व्यवहार करने के आरोपों की जांच के आदेश दिये गये हैं। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी जानकारी दी । कानपुर के पुलिस उप महानिरीक्षक प्रीतिंदर सिंह ने शुक्रवार को बताया कि पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बृजेश श्रीवास्तव को पूरे मामले की जांच करने और पुलिस पर लग रहे आरोपों की मुकम्मल जांच के निर्देश दिये गये हैं।
उन्होंने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म की जांच कर रहे पुलिसकर्मियों पर बच्ची से अपमानजनक व्यवहार करने जैसे आरोप लगे हैं। पुलिस के अनुसार कानपुर के घाटमपुर इलाके में स्वास्थ्य केंद्र के बाहर सड़क दुर्घटना में बुधवार को 13 वर्षीय बलात्कार पीड़िता के पिता की उस वक्तमौत हो गयी, जहां उसे मेडिकल परीक्षण के लिए ले जाया गया था। मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत करते हुए पीड़ित परिवार ने दावा किया कि लड़की के पिता की योजनाबद्ध तरीके से हत्या कर दी गई।
पुलिस के अनुसार आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली लड़की सोमवार को सजेती थाना क्षेत्र में जब मवेशियों के लिए चारा लेने गई थी, तब उसका अपहरण कर उसके साथ कथित रूप से गोलू और दीपू ने बलात्कार किया जबकि गोलू के भाई सौरभ ने घटना के बारे में किसी से जिक्र करने पर लड़की के परिजनों को परिणाम भुगतने की धमकी दी थी।
शुक्रवार को डीआईजी ने अपने आदेश में पुलिस अधीक्षक को यह भी निर्देश दिया कि इस बात की भी जांच की जाए कि पीड़ित को जब मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया तो क्या उससे आपत्तिजनक सवाल पूछे गये और लड़की के चरित्र पर सवाल उठाया गया। एसपी को सभी आरोपों की जांच कर निर्धारित समय सीमा में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के डीआईजी ने निर्देश दिये हैं। डीआईजी ने कहा कि पीड़ित लड़की से जानकारी जुटाने के लिए महिला पुलिस तैनात की गई थी।
उन्होंने कहा कि घटना की सटीक जानकारी और तथ्यों का पता लगाने के लिए हर पीड़ित से सवाल पूछे जाते हैं। डीआईजी ने कहा कि अब तक कोई ऐसा साक्ष्य नहीं मिला है जिसके आधार पर कहा जाए कि पीड़िता के पिता पुलिस की भूमिका से इतने अवसाद में थे और उन्होंने आत्महत्या कर ली। प्रीतिंदर सिंह ने दावा किया कि अगर जांच के दौरान किसी की भी असंवेदनशीलता और लापरवाही की भूमिका उजागर हुई तो उसे बख्शा नहीं जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कुछ लोगों ने यह भी आरोप लगाये थे कि लड़की के साथ पुलिस के अपमानजनक व्यवहार से क्षुब्ध होकर पिता ने ट्रक के आगे कूदकर जान दे दी। डीआईजी ने ‘पीटीआई-भाषा’ से दूरभाष पर इस बात की पुष्टि की कि क्षेत्राधिकारी द्वारा सामूहिक दुष्कर्म मामले में प्रारंभिक जांच के बाद सजेती थाना प्रभारी राम शिरोमणि तथा आरक्षी आदेश कुमार को निलंबित कर दिया गया जबकि ट्रक दुर्घटना में पीड़ित लड़की के पिता की मौत के मामले में घाटमपुर चौकी प्रभारी अब्दुल कलाम के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई।
सामूहिक दुष्कर्म के मुख्य आरोपी के पिता एवं उपनिरीक्षक देवेंद्र यादव को जालौन जिले में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की यात्रा के दौरान वीआईपी ड्यूटी पर भेजा गया था लेकिन अनुपस्थित पाये जाने के कारण गुरुवार को निलंबित कर दिया गया। लड़की के परिजनों ने आरोप लगाया कि उपनिरीक्षक ने पिता की हत्या की साजिश रची, इस मामले में पहले ही उसके खिलाफ हत्या के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।
डीआईजी ने कहा कि कथित हत्या की जांच में अगर उप निरीक्षक की संलिप्तता पाई गई तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी। डीआईजी ने कहा कि दुष्कर्म के आरोप में उपनिरीक्षक के बेटे गोलू और उसके दोस्त दीपू यादव को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। तीसरे आरोपी सौरभ यादव को गिरफ्तार करने के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है। उस पर लड़की के परिवार को डराने-धमकाने का आरोप है। सौरभ यादव मुख्य आरोपी गोलू यादव का भाई है। (एजेंसी)