चांदी की पिचकारी
चांदी की पिचकारी ( फोटो क्रेडिट- X)

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@राजेश मिश्र

लखनऊ: इस बार होली में उत्तर प्रदेश की बाजारों में चांदी की पिचकारी और रंग खेलने के सामान धूम मचा रहे हैं। अवध की नवाबी परंपरा में चांदी की पिचकारी से होली खेलने कों एक बार फिर से चलन में लाने के लिए राजधानी लखनऊ के सर्राफा बाजारों में कई आयटम मिल रहे हैं। खासा होली के लिए लखनऊ के ज्वैलर्स ने चांदी की पिचकारी, रंगों की बाल्टी और गुलाल रखने की कटोरियां बाजार में उतारी हैं. चांदी की पिचकारी या रंगो की बाल्टी महज सजावटी पीस नहीं बल्कि बाकायदा होली खेलने के उद्देश्य से तैयार की गयी हैं. लखनऊ के मशहूर सर्राफा कारोबारी और आल इंडिया ज्वैलर्स एंड गोल्डस्मिथ फेडरेशन के यूपी संयोजक विनोद महेश्वरी बताते हैं कि वैसे तो चांदी की पिचकारी और बाल्टी की बिक्री पिछले साल भी हुयी थी पर इस बार इसका ज्यादा जोर है। लोग रंग खेलने और प्रियजनों को भेंट देने के लिए इनकी खरीद कर रहे हैं।

विनोद के मुताबिक अवध में होली के त्यौहार पर दामाद के घर चांदी की पिचकारी भेंट करने या इससे होली खेलने की परंपरा रही है जो अब फिर से जिंदा हो रही है। उनका कहना है कि पिछले कई साल कोरोना महामारी की भेंट चढ़ जाने के बाद पिछले साल से बाजार बेहतर होना शुरु हुआ था। इस बार सर्राफा बाजार में पहले के मुकाबले तो खासी रौनक नजर आ रही है. खास बात यह है कि चांदी की पिचकारी हो, बाल्टी हो या कटोरियां ये सभी स्थानीय कारीगरों की मदद से तैयार हुयी हैं. खुद महेश्वरी ने बिक्री के लिए चांदी की पिचकारी व रंगों की बाल्टी डिजायन करवाई है।

लखनऊ के सर्राफा कारोबारियों के यहां चांदी की पिचकारी और बाल्टी अलग-अलग आकार और कीमतों में उपलब्ध हैं। विनोद महेश्वरी बताते हैं कि चांदी की पिचकारी 200 व 250 ग्राम तो बाल्टी 500 और 700 ग्राम के वजन में सबसे ज्यादा पसंद की जा रही है। पिचकारी 2000 रुपये से लेकर 50000 रुपये तक की कीमत में मौजूद है। उनका कहना है कि सभी की जेब को ध्यान में रखते हुए चांदी की परत चढ़ी और प्लास्टिक के बेस वाली पिचकारी भी बाजार में उपलब्ध हैं जिनकी कीमत 1000 रुपये से शुरु होकर 5000 और 10000 रुपये तक हैं।

ज्वैलर्स की दुकानों पर गिफ्ट वाक्स के तौर पर भी होली के लिए चांदी के आयटम मौजूद हैं। इनमें गुलाल रखने के लिए चांदी की कटोरियों का सेट, तश्तरी, बाल स्वरूप में भगवान कृष्ण और पिचकारी वगैरा हैं। इत्र लगाने की सलाई सहित बोतल, सौंफ इलाइची के डिब्बों के सजावटी सेट भी होली पर बाजार की मांग में हैं. पिछले साल की तुलना में देखें तो कीमतों में कोई खास इजाफा तो नहीं हुआ है पर इस बार चांदी की फैंसी पिचकारियों और बाल्टी की मांग जरुर बढ़ गयी है।

वहीं लखनऊ में सबसे बड़े चौक सर्राफा बजार में कारोबारियों का कहना है कि सहालग का सीजन न होने के बाद भी खरीददारों की कमी नही है। इस बार त्योहार में बाजार में पहले जैसी रंगत नजर आ रही है और लोग खर्च करने से नहीं हिचक रहे हैं।