वाराणसी : महाशिवरात्रि (Mahashivaratri) से पहले उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी में मंदिरों (Temples), मस्जिदों (Mosques) और घाटों (Ghats) पर सुरक्षा (Security) कड़ी कर दी गई है। कल पूरा वाराणसी महाशिवरात्रि के उत्सव में झूमेगा। श्री काशी विश्वनाथ धाम वाराणसी में स्थित है, देश-विदेश से कई लोग यहां आते हैं और काशी विश्वनाथ धाम में बाबा के दर्शन करते हैं। महाशिवरात्रि 2023 समारोह कल, शनिवार, 18 फरवरी से शुरू होने के लिए तैयार हैं। राज्य सरकार ने भक्तों के लिए पूर्व सुरक्षा और रखरखाव सुविधाओं के साथ उत्सव का आयोजन किया है।
वाराणसी में महाशिवरात्रि 2023 से पहले मंदिरों, मस्जिदों और घाटों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के हर नुक्कड़ पर पुलिस कर्मियों की तैनाती की जाएगी और इसके अलावा त्योहार कैसे मनाया जाए, इसे लेकर भी दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।
Security has been increased in temples, mosques and on ghats in Varanasi ahead of the "Maha Shivratri" festival celebration. Guidelines have been issued for the celebration. CCTV cameras also installed: Santosh Kumar Singh, ACP, Varanasi, UP pic.twitter.com/gSh6ZHuu7D
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) February 17, 2023
संतोष कुमार सिंह, एसीपी, वाराणसी उत्तर प्रदेश ने आश्वासन दिया है कि राज्य सुरक्षा उद्देश्यों के लिए सीसीटीवी कैमरों से अच्छी तरह से सुसज्जित है। यह उत्सव कल, शनिवार, 18 फरवरी, 2023 से शुरू होने वाला है। उत्सव के दौरान, भक्त भक्ति गीत गाते हुए झांकी लेकर चलेंगे।
श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ-साथ उनकी महिमा भी जान सकेंगे
श्री काशी विश्वनाथ धाम को आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से और समृद्ध बनाया गया है। अब धाम के मंदिर परिसर में आकर श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के साथ-साथ उनकी महिमा भी जान सकेंगे। धार्मिक ग्रंथों और पौराणिक ग्रंथों में वर्णित पवित्र स्थान काशी में मौजूद हैं। उपनिषदों, वेदों और पुराणों के आधार पर प्राप्त सूचनाओं का चित्रात्मक विवरण, श्लोक संख्या, हिन्दी में अनुवाद, समस्त सूचनाओं को विश्वनाथ धाम में संगमरमर पर उकेरा गया है। दुनिया की सबसे पुरानी और जीवंत नगरी काशी को देश की सांस्कृतिक, धार्मिक और आध्यात्मिक राजधानी माना जाता है। इसके पुख्ता प्रमाण मिलते हैं, जो उपनिषदों, वेदों और पुराणों में मिलते हैं। इन प्रमाणों के साथ ही श्री काशी विश्वनाथ धाम में संगमरमर पर शिव की महिमा का सचित्र वर्णन किया गया है।