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    नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव (UP Assembly Election 2022)  के लिए अब कुछ ही महीने बचे हैं। इससे पहेल सभी पार्टियां अपनी तैयारी में जुटी हुई हैं। वैसे सूबे में अब तक प्रमुख मुकाबला भारतीय जनता पार्टी बनाम समाजवादी पार्टी ही नजर आ रहा है। इसी कड़ी में कांग्रेस (Congress) भी अपना तीन दशक का वनवास खत्म करना चाहती है। यही कारण है कि उसकी नजर सपा के मुस्लिम वोटबैंक पर है। कांग्रेस अपने 16 सूत्रीय संकल्प पत्र को मुसलमानों के घर-घर तक पहुंचाना चाहती है इसलिए वह आज जुमे की नमाज के बाद इसे मस्जिदों के बाहर बांटेगी। 

    ज्ञात हो कि यूपी में कांग्रेस अब मुस्लिमों को अपने पक्ष में करना चाहती है। इसलिए उसने समाजवादी पार्टी के खिलाफ खुलकर मोर्चा खोलने की पूरी तैयारी की है। कांग्रेस हर वह दांव चल रही है जिससे समाजवादी पार्टी के मुस्लिम कोर वोट बैंक में सेंध लगे। कांग्रेस ने इस संकल्प पत्र में ऐसे मुद्दों को शामिल किया है जिससे वह सपा को कटघरे में खड़ा करेगी। 

    उल्लेखनीय है कि कांग्रेस अपनी रणनीति के तहत मुस्लिमों के बीच सपा को बेनकाब करना चाहती है। जिसके तहत कांग्रेस का सबसे अहम वादा यह है कि अगर सत्ता बनती है तो सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन में दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएंगे और मुआवजा भी देंगे। साथ ही  मॉब लिचिंग के लिए कानून बनाने का वादा और सपा सरकार में हुए सांप्रदायिक दंगों की न्यायिक जांच का समावेश है। 

    गौर हो कि कांग्रेस अपने संकल्प पत्र को 15 अक्टूबर तक हर शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद मस्जिद के बाहर बांटने वाली है। इसे कांग्रेस राज्य की 403 विधानसभा क्षेत्रों में वितरित करेगी। कांग्रेस की कोशिश है कि वह मस्जिदों के माध्यम से 25 लाख मुसलमानों के घर तक संकल्प पत्र पहुंचाए। कांग्रेस अल्संख्यक कमेटी की तरफ से बनाये गए संकल्प पत्र में ऐसे मुद्दे शामिल किये गए हैं जो सीधे मुसलमानों से जुड़े हैं। साथ ही जो सपा और अखिलेश यादव को सवालों के घेरे में खड़े कर रहे हैं।