वाराणसी: उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के वाराणसी (Varanasi) स्थित ज्ञानवापी में सर्वे रिपोर्ट (Gyanvapi survey report) को सार्वजनिक किए जाने पर निचली अदालत आज फैसला सुनाएगा। जिला जज डॉ अजय कृष्ण विश्वशेश (District Judge Dr. Ajay Krishna Vishwashesh) की अदालत में दो सील बंद लिफाफे में दाखिल ज्ञानवापी की सर्वे रिपोर्ट को सार्वजनिक किए जाने पर फैसला होगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने 18 दिसंबर को रिपोर्ट दाखिल की थी।
रिपोर्ट लीक न की जानें की मांग
हिंदू पक्ष ने इस सर्वे रिपोर्ट की प्रति (copy) तत्काल दिए जाने का अनुरोध किया है, वहीं मुस्लिम पक्ष ने आपत्ति जताई है। मुस्लिम पक्ष का कहना है कि रिपोर्ट की प्रति (copy) यह शपथ पत्र लेकर दी जाए कि वह लीक नहीं की जाएगी। मुस्लिम पक्ष ने रिपोर्ट की मीडिया कवरेज पर भी रोक लगाने की मांग रखी है।
#WATCH | Gyanvapi Shringar Gauri case | Advocate Subhash Nandan Chaturvedi, representing the Hindu side says, “Report had to be filed after 92 days of survey. ASI filed the report in a sealed envelope…An application of the Muslim side is also before the Court that the report be… pic.twitter.com/IpJfP7D5yj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 21, 2023
दाखिल करने में 153 दिन लगे
बता दें कि जिला जज की अदालत के आदेश से ज्ञानवापी में ASI ने 24 जुलाई 2023 को ज्ञानवापी का सर्वे शुरू किया था। सर्वे रिपोर्ट तैयार करने और उसे अदालत में दाखिल करने में 153 दिन लग गए। ASI की ओर से सर्वे रिपोर्ट के साथ ही जिलाधिकारी को सुपुर्द किए गए साक्ष्य की लिस्ट भी अदालत में दाखिल की गई है। इसके साथ ही एक प्रार्थना पत्र भी अदालत में दिया गया है, जिसमें यह बताया गया है कि ASI ने सर्वे का काम कैसे किया है
92 दिनों के बाद रिपोर्ट दाखिल की जानी थी
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने कहा कि सर्वेक्षण के 92 दिनों के बाद रिपोर्ट दाखिल की जानी थी। ASI ने सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दाखिल की। मुस्लिम पक्ष की ओर से भी कोर्ट में अर्जी दी गई है कि रिपोर्ट दाखिल की जाए। एक सीलबंद लिफाफे में और रिपोर्ट का निपटारा होने तक इसे सार्वजनिक डोमेन में प्रकट नहीं किया जाएगा।
18 दिसंबर को जताई थी आपत्ति
वकील सुभाष नंदन चतुर्वेदी ने बताया कि इस पर हमने 18 दिसंबर को इस पर आपत्ति जताई थी और उल्लेख किया था कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में दाखिल नहीं की जाएगी। इसलिए, कोर्ट ने आज की तारीख दी थी और आज सुनवाई होगी। रिपोर्ट खुले या सीलबंद लिफाफे में दी जाएगी या नहीं, इस पर सुनवाई होगी।