Sugarcane production

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    -राजेश मिश्र

    लखनऊ: गन्ना किसानों (Farmers) के बकाया भुगतान की मांग के बीच उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) की योगी सरकार (Yogi Government,) ने अपने कार्यकाल में  रिकॉर्ड भुगतान (Record Payment) का दावा किया है। विधानसभा चुनावों की गहमागहमी के बीच गन्ना मूल्य कम होने को लेकर विपक्ष के हमलों के बीच प्रदेश सरकार किसानों को बोनस भुगतान की भी योजना बना रही है। गन्ना विभाग के अधिकारियों ने वर्तमान पेराई सत्र में 10 रुपये कुंतल बोनस देने का प्रस्ताव तैयार किया है जिसे जल्द ही मंत्रीपरिषद की बैठक में मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। हाल ही में योगी सरकार ने चालू पेराई सत्र के लिए गन्ना मूल्य में बढ़ोत्तरी की थी। गन्ना किसानों की नाराजगी बीते तीन सालों में गन्ना की कीमतों में मामूली बढ़ोत्तरी को लेकर है। उनका कहना है कि लागत में वृद्धि और मंहगाई के बीच गन्ना मूल्य बीते तीन सालों में महज 25 रुपये प्रति कुंतल ही बढ़ाया गया है।

    विपक्षी दल भी लगातार गन्ना बकाया भुगतान और कम कीमतों को लेकर प्रदेश सरकार पर हमलावर रहे हैं। हाल ही में भाजपा के पीलीभीत के सांसद वरुण गांधी ने तो गन्ना कीमतों को लेकर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भी लिखा था। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के बकाये का अब तक का सर्वाधिक भुगतान होने का दावा करते हुए कहा है कि उसके कार्यकाल में भुगतान का आंकड़ा 1.5 लाख करोड़ रुपए को पार कर गया है।

    अब तक 1.51 लाख करोड़ रुपए गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान 

    मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, योगी सरकार ने अब तक 1.51 लाख करोड़ रुपए गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान कर दिया है। साथ ही यह भी बताया गया है कि यह बीते किसी भी सरकार के कार्यकाल का सबसे ज्यादा भुगतान है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश  में गन्ना किसानों के बकाए का भुगतान न हो पाना पिछले कुछ दशकों से किसानों की सबसे गंभीर समस्या बनी हुयी है। पश्चिम उत्तर प्रदेश के किसान लगातार बकाया भुगतान की मांग उठाते रहे हैं। बहरहाल अब गन्ना किसानों के भुगतान को लेकर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि 2017 से पहले दस सालों में बसपा और सपा सरकारों द्वारा भी मिल कर इतना भुगतान नहीं हो पाया था। कृषि विभाग के आंकड़ों के मुताबिक. 2012 से 2017 के बीच सपा सरकार के कार्यकाल में गन्ना किसानों के बकाए का 95000 करोड़ रुपये का कुल भुगतान हुआ था। वहीं, 2007 से 2012 तक बसपा सरकार के कार्यकाल में इस मद में कुल भुगतान 55000 करोड़ रुपये हुआ। जबकि योगी सरकार का अब तक का कुल भुगतान 151508 करोड़ रुपये हो चुका है।