डिप्लोमाहोल्डर्स के साथ डिग्रीहोल्डर ग्रेजुएट्स को भी रोजगार से जोड़ेगी योगी सरकार

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  • योगी कैबिनेट ने मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) के विस्तार को दी मंजूरी
  • डिप्लोमाहोल्डर्स के साथ अब किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट पास युवा भी ले सकेंगे योजना का लाभ 
  • योगी सरकार ने इस योजना के संचालन के लिए 100 करोड़ रुपए का किया प्राविधान 
  • अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम के अंतर्गत इस वर्ष 10 लाख युवा हो सकते हैं लाभान्वित

लखनऊ. योगी सरकार ने डिप्लोमाहोल्डर एवं सभी स्ट्रीम्स में डिग्रीहोल्डर युवाओं को कौशल विकास के माध्यम से रोजगार से जोड़ने के लिए बड़ी पहल की है। योगी कैबिनेट ने मंगलवार को मुख्यमंत्री शिक्षुता प्रोत्साहन योजना (उच्च शिक्षा) का विस्तार करते हुए इसमें सभी ग्रेजुएट पास युवाओं को जोड़ने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। साथ ही, इसमें स्टाइपेंड की राशि को भी बढ़ाकर प्रतिमाह 9 हजार रुपए किया गया है। इसमें राज्य सरकार की ओर से एक हजार रुपए की प्रतिपूर्ति की जाएगी, जबकि बाकी राशि केंद्र सरकार एवं एंयरप्रेन्योर्स द्वारा उपलब्ध कराई जाएगी, जिनके यहां युवा अप्रेंटिसशिप करेंगे। राज्य सरकार ने इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया है। लोकभवन के मीडिया सेंटर हॉल में वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना और कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कैबिनेट के निर्णयों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम विधान मंडल के सत्रावसान का प्रस्ताव पारित किया गया। इसके बाद 25 में से 23 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई।

10 लाख युवा इस वर्ष होंगे लाभान्वित

वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने योगी कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए कहा कि सबसे महत्वपूर्ण निर्णय मुख्यमंत्री शिक्षुता योजना को लेकर रहा। इसमें अब तक खासतौर पर डिप्लोमाहोल्डर्स के लिए अप्रेंटिस की व्यवस्था थी, लेकिन अब नई व्यवस्था में किसी भी स्ट्रीम में ग्रेजुएट स्टूडेंट इस योजना में सम्मिलित हो सकता है। प्रदेश के डिप्लोमा एवं सभी स्ट्रीम में ग्रेजुएट युवाओं को एनएटीएस योजना का लाभ प्रदान करने के साथ ही निजी संस्थानों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से यह योजना लागू की जा रही है। इस वर्ष 10 लाख युवा इस योजना से लाभान्वित हो सकते हैं।

युवाओं को 9 हजार रुपए मिलेगा स्टाइपेंड

वित्त मंत्री ने बताया कि इस अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम के अंतर्गत राज्य सरकार ने 100 करोड़ रुपए का प्रोवीजन किया है। इसके तहत छात्रों को स्टाइपेंड के रूप में 9 हजार रुपए प्रतिमाह मिलेंगे। इसमें भारत सरकार का 50 प्रतिशत हिस्सा रहेगा। यानी 4500 रुपए भारत सरकार देगी, जबकि 3500 रुपए एंटरप्रेन्योर देंगे जिनके यहां ये प्रशिक्षण या अप्रेंटिसशिप संचालित होगी। 1000 रुपए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रदान किए जाएंगे।

निजी संस्थानों को अप्रेंटिसशिप के लिए किया जाएगा प्रेरित

प्रस्तावित योजना के माध्यम से निजी क्षेत्र के संस्थानों को अधिक से अधिक गैर तकनीकी डिप्लोमाहोल्डर एवं डिग्रीहोल्डर युवाओं को प्रशिक्षु के रूप में नियोजित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त आर्थिक सहायता प्रदान करते हुए ऐसे निजी संस्थानों को बड़ी संख्या में युवाओं को अप्रेंटिसशिप कराने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके जरिए प्रदेश के गैर तकनीकी डिप्लोमाहोल्डर्स तथा ग्रेजुएट युवाओं को एक वर्ष का रोजगार प्राप्त होगा, जबकि निजी, शासकीय संस्थानों को कुशल कार्मिक मिलेंगे। 

25 लाख युवाओं को निशुल्क मिल सकेंगे स्मार्टफोन

उत्तर प्रदेश के युवाओं के तकनीकी सशक्तिकरण के लिए 25 लाख स्मार्टफोन खरीदे जाने के प्रस्ताव को भी योगी कैबिनेट से मंजूरी मिल गई। स्वामी विवेकानंद युवा सशक्तिकरण योजना के अंतर्गत वर्तमान वित्तीय वर्ष में 3600 करोड़ रुपए बजट में दिए गए हैं। ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट, डिप्लोमा, कौशल विकास आदि विभिन्न शिक्षण, प्रशिक्षण कार्यक्रमों के अंतर्गत युवा वर्ग को स्मार्टफोन निशुल्क प्रदान करने से न केवल वह अपने शैक्षिक पाठ्यक्रमों को सफलतापूर्वक पूर्ण कर सकेंगे, जबकि विभिन्न शासकीय, गैर शासकीय योजनाओं में भी वे इसका सदुपयोग कर रोजगार से जुड़ सकेंगे।

गर्भवती महिलाओं को बायोमैट्रिक प्रणाली के माध्यम से मिलेगा पोषाहार सामग्री

बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं के पोषण हेतु संचालित पोषाहार वितरण की व्यवस्था को अब बायोमैट्रिक प्रणाली के माध्यम से वितरित किया जाएगा। योगी कैबिनेट ने इस प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। राशन वितरण प्रणाली की तर्ज पर सरकार अब ई-पॉस मशीन के माध्यम से लाभार्थी का वेरिफिकेशन करते हुए उसे पोषक आहार किट उपलब्ध कराएगी। इससे पोषाहार वितरण में पारदर्शिता आएगी एवं लाभार्थियों को अनुमन्य मात्रा में पोषाहार उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित हो सकेगा। योजना का शत प्रतिशत व्यय राज्य सरकार द्वारा ही किया जाएगा।