त्योहारों पर भी कोरोना का ग्रहण

Loading

  • महामारी के कारण मनाने से लोग हो रहे वंचित
  • लोगों में छाई मायूसी

भिवंडी. वैश्विक महामारी कोरोना की वजह से प्रति वर्ष होने वाले तमाम धर्म-संप्रदायों के त्योहारों पर भी कोरोना का ग्रहण लग गया है. कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए सरकार द्वारा लॉकडाउन घोषित कर त्योहारों को सार्वजनिक रूप से  मनाए जाने पर भी पूर्णतया पाबंदी लगाई गई है. प्रति वर्ष अपार उत्साह और धूमधाम से मनाए जाने वाले त्योहारों को पूर्ववत नहीं मना पाने की वजह से सभी धर्म के लोगों में मायूसी है. कोरोना महामारी के डर से लोग अपने घरों में ही मजबूरी बस त्योहार मनाए जाने की विवशता झेल रहे हैं.

ईद, बकरीद भी चढ़ी भेंट

गौरतलब है कि कोरोना की वजह से लोगों का  खुशहाल जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. मुस्लिम संप्रदाय द्वारा असीम उत्साह से मनाई जाने वाले ईद और बकरीद का पर्व कोरोना की भेंट चढ़ चुका है. कोरोना महामारी की वजह से मस्जिदों में लाखों की जमात में पढ़ी जाने वाली पवित्र नमाज भी लोगों को नसीब नहीं हो सकी है.

दही हंडी व गणेशोत्सव पर संकट

5 माह उपरांत भी कोरोना के प्रसार पर अंकुश न लगने की वजह से हिंदुओं का त्योहार रक्षाबंधन, जन्माष्टमी (दही हंडी), गणेशोत्सव, दशहरा, दुर्गा पूजा, धनतेरस, दीपावली, क्रिसमस सहित मुहर्रम आदि पवित्र धार्मिक त्यौहार कोरोना संकटकाल की भेंट चढ़ते दिखाई दे रहे हैं. महामारी संकटकाल के दौरान आर्थिक अभाव के बावजूद लोग खुश होकर त्योहार मनाना चाहते हैं, लेकिन जीवन सुरक्षा के लिए बेबस दिखाई पड़ते हैं. दहीहंडी आयोजन में गोविंदा की भूमिका निभाने वाले रमेश पवार, दिलीप मोरे, श्रीकांत पाटिल, नारायण पाटिल आदि ने बेबसी प्रकट करते हुए कहा कि कोरोना महामारी के भय से घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं. कोरोना बीमारी के भय से मुंह पर मास्क लगाना मजबूरी हो गई है, ऐसे में त्यौहार कैसे मनाया जाएगा.

लोगों को जल्द ढील मिलने की उम्मीद

त्योहार न मनाए जाने का अफसोस प्रकट करते हुए कई लोगों ने कहा कि जब ईश्वर, अल्लाह ही नहीं चाह रहे हैं तो त्यौहार कैसे मनाया जाएगा. लोगों को आशा है कि शायद अगले माह तक कोरोना महामारी के प्रसार पर कुछ हद तक नियंत्रण हो जाए तो सरकार त्योहारों को सार्वजनिक तरीके से मनाए जाने पर लगाए गए प्रतिबंध पर आंशिक तौर पर ढील दे सकती है.