नवी मुंबई में बेअसर रहा किसानों का भारत बंद

  • कृषि कानून के विरोध में सड़क पर उतरे सिख

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नवीमुंबई. दिल्ली में आंदोलन कर रहे किसानों के समर्थन में घोषित भारत बंद (Bharat Bandh) नवी मुंबई में बेअसर नजर आया। हालात ऐसे रहे कि वाशी की पांचों एपीएमसी मंडियों को छोड़ दें तो अधिकांश इलाकों में स्थितियां सामान्य नजर आयीं।

बता दें कि भारत बंद सुबह 11 से अपरान्ह 3 बजे तक जरूर रहा, लेकिन इस दौरान भी नवी मुंबई के व्यस्ततम ठाणे बेलापुर हाइवे पर वाहनों का तांता नजर आया। कानून व्यवस्था की हालत न बिगड़े, इसके लिए व्यापक पैमाने पर पुलिस बंदोबस्त लगाई गयी थी। मिली जानकारी के अनुसार नवी मुंबई के वाशी एपीएमसी कृषि मंडियों में सम्पूर्ण बंद दिखा। मार्केट के आस पास की दुकानें भी बंद रहीं।

इसके साथ ही ऐरोली एवं पनवेल क्षेत्र में पूरी तरह बंद दिखा। अलबत्ता वाशी, बेलापुर, नेरुल और खारघर तथा कलंबोली आदि इलाकों में बंद का आंशिक असर नजर आया। यहां सामान्य दिनों की तरह लोग अपने कामकाज में व्यस्त रहा। सावधानी के तौर पर लोगों ने आधे दिनों तक दुकानें बंद रखीं फिर खोल दी गयीं।

किसान कानून के खिलाफ नवी मुंबई के सिख समुदाय ने मोर्चा निकाला और भारत बंद का समर्थन किया। इस दौरान सुप्रीम काऊंसिल आफ गुरूद्वारा और पंजाबी कल्चरल एसोसिएशन के सदस्यों ने वाशी के टोल प्लाजा से मानव श्रृंखला बनाकर आंदोलन किया। दोपहर बाद 5 बजे प्रारंभ हुए इस आंदोलन में सिख समुदाय की महिलाओं के साथ ही मासूम बच्चे भी हाथों में बैनर थामे हिस्सा लिया। काला कानून रद्द करो, किसानों को न्याय दो। किसान नहीं तो हिन्दुस्तान नहीं जैसे नारों का बैनर थामे सैकड़ों सिखों ने पनवेल मुंबई हाइवे पर मानव श्रृंखला बनायी और किसानों के लिए न्याय की मांग की।

सरकार दूर करे किसानों की पीड़ा : रंधावा

सिख समुदाय का नेतृत्व कर रहे एम.एस. रंधावा एवं अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि यह देश किसानों का है और किसान मर गए तो देश भी नहीं बचेगा, इसलिए सरकार को किसानों की सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि 10 दिनों से किसान दिल्ली की ठंड में न्याय के लिए पीड़ा झेल रहे हैं, इसलिए हम उनकी पीड़ा जल्दी खत्म कराने और उन्हें न्याय दिलाने के लिए समर्थन में सड़क पर उतरने के लिए मजबूर हुए हैं।