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  • निजी गणपति की मूर्ति 2 फुट और सार्वजनिक 4 फुट मूर्तियों को ही अनुमति 
  • सार्वजनिक गणेशोत्सव के पंडालों में थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमटर अनिवार्य 

ठाणे. आगामी गणेश उत्सव को ठाणे महानगर पालिका ने घरेलु और सार्वजनिक गणेशोत्सव मनाने के लिए गाइड लाइन जारी की है. जिसमें घरेलु मूर्तियों की ऊंचाई 2 फिट और सार्वजनिक गणपति मूर्तियों की ऊंचाई 4 फुट तक ही निर्धारित किया है. इसके अलावा की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सार्वजनिक गणेशोत्सव के पंडालों में थर्मल स्कैनर और पल्स ऑक्सीमटर द्वारा जांच को अनिवार्य किया है. गणेश उत्सव के दौरान महापौर नरेश म्हस्के और कमिश्नर डॉ विपिन शर्मा ने गणेश भक्तों से सहयोग की अपील करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और गाइड लाइन  के अनुसार गणेश उत्स्व मनाने का आवाहन किया है. 

कोरोना कोविड को ध्यान में रखते घरेलु और सार्वजनिक गणेशोत्सव के लिए हाल में राज्य सरकार ने एक मार्गदर्शक सुचना जाहिर किया है. इसी सुचना को आधार बनाकर मनपा प्रशासन ने भी आगामी गणेशोत्सव के लिए अपना मार्गदर्शक नियमावली तैयार किया है. जिसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी के बढ़ते कहर को देखते हुए इस बार गणेश महोत्‍सव एकदम साधारण तरीके से मनाया जाए. गणेश महोत्‍सव के पंडालों में गणेश प्रतिमा चार फुट से ज्‍यादा ऊंची नहीं लगाई जाएगी. 

विसर्जन के दौरान कम से कम लोग उपस्थित रहें  

लोग इस बार घर के अंदर ही गणेश महोत्‍सव का आयोजन और घर के अंदर ही विसर्जन करने की कोशिश करें. अगर ऐसा नहीं कर पा रहे हैं तो नजदीकी कृत्रिम तालाब में विसर्जन करें और अधिक से अधिक सिर्फ 3 लोग ही विसर्जन के दौरान उपस्थित रहें. विसर्जन की जगह पर कम-से-कम समय तक रुकें और श्री गणेश जी की आरती कर विसर्जन घाट पर ही विसर्जित करें. 2021 की माघी गणपति तक विसर्जन स्थगित करना चाहिए. लोग सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बजाय, रक्त दान शिविर जैसी सामाजिक सेवा की पहल करें. आयोजन के लिए दान पर जोर न दें. केवल स्वैच्छिक दान ही लें.

मनपा द्वारा जारी की गाईड लाइन 

पूजा से पहले सभी गणेश मंडलों को नगर निगम और स्थानीय प्रशासन ने अनुमति लेनी होगी. कोरोना संक्रमण को देखते हुए कोर्ट और निगम के आदेशों का पालन करते हुए सीमित संख्या में पंडाल बनाए जाएंगे. पूजा साधारण ढंग से कम से कम भव्य सजावटों के बीच की जाएगी. सार्वजनिक स्थानों पर रखी जाने वाली प्रतिमा की ऊंचाई 4 फीट जबकि घरों में इसकी अधिकतम ऊंचाई 2 फीट रहेगी. मेटल, मार्बल की मूर्तियों पर जोर. मूर्तियां एनवायरनमेंट फ्रेंडली हों और घर में ही विसर्जित की जाएं. घर में संभव न हो तो घर के निकट ही किसी बनाए गए स्थान पर विसर्जित की जाएं. इस साल इस पर रोक भी लगाई जा सकती है और अगले साल भाद्रपद में विसर्जन का काम किया जा सकता है. अपनी इच्छा से पूजा के चंदे लिए जा सकते हैं. 

रक्तदान कैंप आयोजित किए जाएं

विज्ञापन हो लेकिन इसमें लोगों को भीड़ जुटाने की अपील नहीं होनी चाहिए. जो भी विज्ञापन दिए जाएं, उन्हें स्वास्थ्य और सामाजिक संदेशों पर केंद्रित रखा जा सकता है. पूजा के दौरान सांस्कृतिक कार्यक्रमों के बजाय स्वास्थ्य से जुड़ी गतिविधियां की जा सकती हैं. जैसे कि रक्तदान कैंप आयोजित किए जाएं या कोरोना, मलेरिया, डेंगू की बीमारियों से बचने के उपाय को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाए. आरती, कीर्तन और अन्य धार्मिक कार्यक्रम के दौरान लोगों की भीड़ जमा न हो और सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन न किया जाए. 

श्रद्धालुओं को मास्क लगाना जरुरी

ध्वनि प्रदूषण पर भी पूरा ध्यान देना होगा. भगवान गणेश के दर्शनों के लिए ऑनलाइन इंतजाम किए जाएं, जिसके लिए केबल नेटवर्क और फेसबुक जैसे माध्यमों का सहारा लिया सकता है. गणपति मंडप का सैनिटाइजेशन होते रहना चाहिए और थर्मल स्क्रीनिंग का भी इंतजाम होना चाहिए. श्रद्धालुओं को मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना जरूरी होगा. मंडपों में सैनिटाइजर की भी व्यवस्था होनी चाहिए. श्री गणेश भगवान के आगमन और विसर्जन का जुलूस कार्यक्रम नहीं होगा. विसर्जन के स्थान पर जो आरती की जाती है, वह घर में ही की जाएगी और विसर्जन स्थल को कम समय में भी बंद कर दिया जाएगा. बच्चे और बुजुर्ग विसर्जन स्थल पर नहीं जाएंगे. विसर्जन के लिए एक साथ कई मूर्तियां बाहर नहीं निकाली जाएं. सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों के पंडालों की ऊंचाई 12 फुट से ऊँची न हो. पंडाल में प्रवेश करने वाले और दर्शन करने वाले गणेश भक्तों की लिस्टिंग करना सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडलों को अनिवार्य किया गया है. 

20 जगहों पर मूर्ति स्वीकार केंद्र, 13 कृतिम तालाब  

मनपा कमिश्नर ने बताया कि विसर्जन केंद्रों पर नागरिकों की भीड़ न हो इसे ध्यान में रखते हुए इस बार मूर्ति स्वीकार केंद्र की संख्या को भी बढ़ाया गया है. प्रशासन की तरफ से कोरोना महामारी को दिन में रखते हुए और संक्रमण को रोकने के लिए शहर के नौ प्रभाग समितियों में 20 जगहों पर मूर्ति स्वीकार केंद्र और 13 जगहों पर कृतिम तालाब का निर्माण किया जाने वाला है.