कोरोना काल में भी यूपी में गेहूं की सरकारी खरीद का नया रिकॉर्ड

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    राजेश मिश्र

    लखनऊ: कोरोना संकट और महीने भर से ज्यादा चले लॉकडाउन (Lockdown) के बाद उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में गेहूं की सरकारी खरीद का नया रिकॉर्ड (New Record) बना है। खरीद से उत्साहित प्रदेश सरकार ने 15 जून को तय समय सीमा के खत्म होने बाद इसे एक सप्ताह और बढ़ा दिया है। प्रदेश सरकार ने पूरे मई महीने और जून के पहले सप्ताह में लागू आंशिक कोरोना कर्फ्यू के दौरान गेहूं (Wheat) की सरकारी खरीद जारी रखी थी। उत्तर प्रदेश में उम्मीद से कहीं ज्यादा और अंतिम समय सीमा से पहले हुई गेहूं की बंपर खरीद के चलते कई जगहों पर इसे रखने की दिक्कतें पेश आ रही हैं। मई के अंतिम सप्ताह और फिर जून में समय से पहले हो रही बारिश (Rain) में गेंहू खराब भी हुआ है।

    उत्तर प्रदेश में इस साल अब तक करीब 54 लाख टन गेहूं की सरकारी खरीद की जा चुकी है जो पिछले साल से कहीं ज्यादा है। प्रदेश सरकार ने इस साल गेंहू की सरकारी खरीद का लक्ष्य 55 लाख टन रखा था। खाद्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हालांकि सरकारी खरीद 15 जून तक चलनी थी पर मंगलवार को मुख्यमंत्री के निर्देशों पर इसे एख हफ्ते के लिए बढ़ा दिया गया है। उनका कहना है कि जिस रफ्तार से खरीद केंद्रों पर गेहूं की आमद हो रही है उसे देखते हुए लगता है कि इस बार नया रिकार्ड बनने जा रहा है। 

    5678 केंद्रों पर गेंहू की खरीद

    प्रदेश में इस समय भारतीय खाद्य निगम, उत्तर प्रदेश खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम, प्रादेशिक को आपरेटिव फेडरेशन सहित विभिन्न एजेंसियों के 5678 के लगभग केंद्रों पर गेंहू की खरीद की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि इन दिनों हर रोज एक लाख टन से ज्यादा गेहूं की आमद सरकारी खरीद केंद्रों पर हो रही है।

    10083 करोड़ रुपये का भुगतान 

    गौरतलब है कि बीते साल भी उत्तर प्रदेश में गेहूं की सरकारी खरीद का लक्ष्य 55 लाख टन रखा गया था, जबकि इसके सापेक्ष 35.67 लाख टन की ही खरीद हो सकी थी। इससे पहले प्रदेश सरकार ने साल 2018-19 में सबसे ज्यादा 52.92 लाख टन गेंहूं की खरीद का रिकार्ड बनाया था। अधिकारियों का कहना है कि 15 जून के बाद जब अंतिम आंकड़े सामने होंगे तो नया रिकार्ड बन जाएगा। प्रदेश सरकार की ओर से दी गयी जानकारी के मुताबिक, इस साल अब तक 11.55 लाख किसानों ने सरकारी खरीद केंद्रों पर गेहूं बेंच कर मूल समर्थन योजना का लाभ उठाया है। किसानों को गेहूं के बदले 10083 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। गेहूं के मूल्य का भुगतान सीधे किसानों के बैंक खातों में किया गया है और बिचौलियों का हस्तक्षेप बंद करने के लिए प्रदेश में पहली बार ईपीओपी डिवाइस का इस्तेमाल कर किसानों का बायोमैट्रिक प्रमाणीकरण करने के बाद खरीद की गयी है।