(Image-Social Media)
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    नई दिल्ली: कहते है न कुछ कर दिखाने का जज्बा अगर हमारे दिल में हों तो उम्र कोई मायने नहीं रखती, इसका ताजा उदाहरण आज हम आपको देने जा रहे है। दरअसल इन दिनों 105 साल की बुजुर्ग रामबाई सुर्ख़ियों में छाई हुई है। दरअसल हरियाणा के चरखी दादरी की रहने वाली रामबाई ने 100 मीटर की फर्राटा रेस 45.40 सेकंड में पूरी कर नया रिकॉर्ड बनाया। आपको बता दें कि पहले यह रिकॉर्ड मान कौर के नाम था, जिन्होंने 74 सेकंड में रेस पूरी की थी। आज इस दादी की हर जगह बहुत चर्चा हो रही है, आखिर सबके मन में यही सवाल है कि 105 वर्ष की उम्र में दादी इतनी फिट कैसे है, आइए जानते है.. 

    105 साल की दादी ने बनाया रिकॉर्ड 

    लेकिन अब बेंगलुरु में बीते हफ्ते राष्ट्रीय ओपन मास्टर्स एथलेटिक्स चैम्पियनशिप (एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से आयोजित) चैम्पियनशिप में 105 साल की दादी ने यह गजब कारनामा  कर दिखाया। इस खास मौके पर सीएम मनोहर लाल खट्टर ने रामबाई को उनकी इस उपलब्धि के लिए बधाई दी, अब यह हरियाणा की दादी सोशल मीडिया पर बड़े तेजी से वायरल हो रही है।

     

    जित चुकी है 4 गोल्ड मेडल 

    दरअसल हरियाणा की रामबाई ने वडोदरा में हुई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैंपियनशिप में 100 मीटर रेस में नया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया था। जानकारी के लिए आपको बता दें, चरखी दादरी जिले के गांव कादमा की रहने वाली रामबाई राष्ट्रीय स्तर की एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में अपनी तीन पीढ़ियों के साथ 100, 200 मीटर दौड़, रिले दौड़, लंबी कूद में 4 गोल्ड मेडल जीतकर इतिहास बना चुकी हैं। ज्ञात हो कि इससे पहले नवंबर 2021 में हुई प्रतियोगिता में 4 गोल्ड मेडल जीते थे। हैरानी की बात तो यह भी है कि रामबाई गांव की सबसे बुजुर्ग महिला है और उन्हें ‘उड़नपरी’- परदादी कह कर बुलाते हैं। 

    ऐसी रहती है फिट 

    उड़नपरी दादी का यह कारनामा बहुत उपलब्धियां छू रहा है, लेकिन इसके पीछे उनकी बहुत मेहनत भी है, वो खुद को फिट रखने के लिए रोज सुबह 5-6 किलोमीटर की दौड़ लगाती हैं। आपको बता दें कि उम्र की परवाह किए बिना आगे बढ़ रहीं रामबाई का जन्म 1 जनवरी, 1917 में गांव कादमा हुआ था।  उन्होंने नवंबर, 2021 में वाराणसी में हुई मास्टर्स एथलैटिक मीट में भाग लिया था। आज भी वह अपनी उम्र की परवाह किए बिना आगे बढ़ रही हैं। बुजुर्ग एथलीट रामबाई ने खेतों के कच्चे रास्तों पर प्रैक्टिस की है। 

    बेटा-बेटी भी है आगे…

    वह रोज सुबह 4 बजे उठकर अपने दिन की शुरुआत करती हैं। लगातार दौड़ और पैदल चलने का अभ्यास करती हैं। इतना ही नहीं बल्कि इसके अलावा वह इस उम्र में भी 5-6 किलोमीटर तक दौड़ लगाती है। इसके अलावा रामबाई की 62 साल साल की बेटी संतरा देवी भी रिले रेस में गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। राम बाई के 70 साल के पुत्र मुख्तयार सिंह ने 200 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। उनकी बहू भी रिले दौड़ में गोल्ड और 200 मीटर दौड़ में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर गांव और प्रदेश का नाम रोशन कर चुकी हैं। इस तरह पूरा परिवार इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। 

    ‘उड़नपरी’ दादी का सपना 

    अपने सपने के बारे में बताते हुए बुजुर्ग रामबाई ने बताया कि वो राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीत चुकी हैं। अब उनका सपना विदेशी धरती पर सोने का तमगा जीतने का है। अगर सरकार उनकी कुछ मदद करे तो वो विदेश में देश का नाम रोशन करने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगी। आमतौर पर 80 साल की उम्र में लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं। उनका चलना-फिरना तक मुश्किल हो जाता है. लेकिन 105 साल की उम्र में रामबाई एक मिसाल बन गई है, आज रामबाई के इस जज्बे को देख हमें उनसे बहुत कुछ सीखना चाहिए।

    ये है दादी की दिनचर्या  

    अपने फिटनेस के बारे में गोल्ड मेडलिस्ट रामबाई ने बताया कि उनके दिन की शुरुआत सुबह 4 बजे होती है। वो चूरमा, दही खाती हैं और दूध पीती हैं।  इसके अलावा रोज 250 ग्राम घी रोटी या चूरमे के साथ लेती हैं। घर पर काम के अलावा रामबाई प्रैक्टिस के लिए भी पूरा समय निकाल लेती हैं। ऐसे में उनकी इस कड़ी मेनहत को देखते हुए परिवार के लोग पूरी तरह से सहयोग करते हैं, बरहाल अब उड़नपरी दादी सोशल मीडिया पर बहुत वायरल हो रही है।