इस गांव में दामाद को करवाई जाती है गधे की सवारी, होली मनाने की ऐसी वजह कि उड़ जाएंगे होश

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    रंगों का त्योहार ‘होली’ को पूरे भारत में बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है। फाल्गुन माह की पूर्णिमा के दिन होलिका दहन और उसके दूसरे दिन होली खेली जाती है. इस साल होली का  त्यौहार18 मार्च को है। इसे रंगों के त्योहार और वसंत के त्यौहार के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, होली का यह त्योहार भगवान कृष्ण और राधा के शाश्वत प्रेम को श्रद्धांजलि के रूप में मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने के लिए देश में अलग अलग परंपरा है। आज हम आपको ऐसे ही अजीबोगरीब प्रथा के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।

    आज भी जारी 90 साल की परंपरा 

    आपको बता दें कि,  महाराष्ट्र के बीड़ जिले में एक अजीबोगरीब परंपरा है। जो 90 से अधिक वर्षों से चली आ रही है। जिसे आज भी उतनी ही लगन से मनाया जाता है।  बीड जिले के केज तहसील के विदा गांव में इस परंपरा के अनुसार नए नवेले दामाद को गधे की सवारी कराते है। और जिसके बाद उन्हें उनके पसंद के कपड़े दिए जाते है। इस गांव के नए दामाद की पहचान करने में तीन से चार दिन लग जाते हैं। वहीं, गांव वाले उस पर नजर बनाए रखते है कि, कही वो होली के दिन लापता न हो जाए। उस गांव में की इस रस्म में दामाद शामिल हो, इसलिए उसे कहीं जाने नहीं देते है।

    गधे पर बैठाकर घुमाते गांव 

    विदा गांव में यह परंपरा नब्बे साल से चली आ रही है। जिसकी शुरुआत गांव  के  एक सम्मानित निवासी आनंदराव देशमुख के दामाद से हुई थी और तब से यह प्रथा आज भी उसी तरीके से मनाई जाती है। इस प्रथा की शुरुआत गांव के बीच से होती है। जहां  गांव में नए दामाद को गधे पर बैठा कर उसे घुमाया जाता है और गांव  के हनुमान मंदिर तक ले जाकर इसका समापन किया जाता है। जिसके बाद चुने हुए दामाद को उनके मनपसंद के कपड़े दिए जाते है। यह रस्म होली से पहले सोशल मीडिया पर होली से पहले  काफी वायरल होती है।