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    नई दिल्ली/मेरठ. एक तरफ आज यूक्रेन और रूसी सैनिकों के बीच जंग (Russia Ukraine War) का आज दसवां दिन है। वहीं दूसरी तरफ रूसी सैनिक यूक्रेन के हर शहर पर कहर बनकर टूट रहे हैं। इस युद्ध से सहमे अनेकों यूक्रेनी देश छोड़ रहे हैं। लेकिन यूक्रेन में हजारों की संख्या में भारतीय लोग भी हैं, जो वापस अपने वतन आने की जी तोड़ कोशिशें कर रहे हैं। 

    हालांकि मोदी सरकार की मुस्तैदी से कई भारतीयों की वतन वापसी भी संभव हुई है और कईयों की जारी है। इसी क्रम में एक भारतीय युवक भी फिलहाल यूक्रेन में फंसा है. बता दें कि यह वही युवक है जिसे कोरोना लॉकडाउन (Corona Lockdown) के दौरान उसकी मां ने स्कूटर पर 1400 किलोमीटर का सफर तय करके रेस्क्यू करके अपने घर लिया था।

    सुरक्षित वापसी की मांग की माँ ने 

    लेकिन अब वह महिला युद्ध प्रभावित यूक्रेन (Russia Ukraine War) में कई भारतीय छात्रों के साथ अपने 19 वर्षीय बेटे के फंसे होने को लेकर बुरी तरह चिंतित है। बता दें कि, तेलंगाना के निजामाबाद जिले में एक सरकारी स्कूल की शिक्षिका रजिया बेगम अपने बेटे निजामुद्दीन अमन की सुरक्षित वापसी के लिए भी भगवान से प्रार्थना कर रही हैं। 

    दरअसल शिक्षिका रजिया बेगम का बेटा यूक्रेन के सुमी में MBBS प्रथम वर्ष में है। पता हो कि सुमी, रूसी सीमा के पास स्थित है और ज्यादातर भारतीय छात्र सुमी स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी से संबद्ध रखते हैं।

    इस बाबत रजिया ने मीडिया को बताया कि उनका बीटा अमन बंकर में रह रहा है और उनसे फोन पर संपर्क कर रहा है। उन्होंने ने कहा, “उसने मुझे यह आश्वस्त करने के लिए कॉल किया कि वह ठीक है और मुझे उसके बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं है।” ऐसी भी खबर है कि उनका बेटा जिस स्थान पर है, वहां तक परिवहन संपर्क कटा हुआ है।

    कभी किया था 1400 किलोमीटर का लम्बा सफर

    बता दें कि दो साल पहले, रजिया बेगम ने कोरोना लॉकडाउन लागू होने के बाद, स्थानीय पुलिस की अनुमति के साथ वह अकेले ही अपने टू -व्हीलर चलाकर नेल्लोर गई थी और अपने छोटे बेटे के साथ लौटी थी। एक अनुमान के मुताबिक, रजिया ने अपने स्कूटर से 1400 किलोमीटर का लम्बा सफर तय किया था।

    वहीं अब रजिया बेगम ने रूस और यूक्रेन के बीच पैदा हुए तनावपूर्ण गतिरोध के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव, राज्य के गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली से उनके बच्चे और अन्य भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए उनसे आग्रह किया है।