वर्धा़: बढ़ते कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए राज्य सरकार ने ब्रेक द चेन के अंतर्गत समूचे राज्य में कड़े निर्बंध लागू किए है़ अत्यावश्यक सुविधाएं छोड़कर अन्य सभी सेवाओं पर 30 अप्रैल तक पाबंदी लगाने के कारण कई लोगों के रोजगार प्रभावित हो गए है़ साथ ही नागरिकों को घरों में रहने की सूचना दी जा रही है़.
इस दौरान कोई भी व्यक्ति भूखा पेट नहीं रहना चाहिए, इसके लिए प्रावधान करते हुए सरकार ने राशन दूकान के जरिए नि:शुल्क अनाज वितरण की घोषणा की है. इस व्यवस्था से जिले के 10 लाख 60 हजार लोग लाभान्वित होगे़ उन्हें प्रति व्यक्ति 3 किलो गेहूं एवं 2 किलो चावल वितरित किया जानेवाला है़ इसके पहले केंद्र सरकार ने पिछले साल लाकडाउन लगाया था़
राशन दूकानों से होगा वितरित
कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण निर्णय उचित था़ वहीं अचानक लगाए गए लाकडाउन के कारण अनेक गरीब परिवारों के सामने दो वक्त की रोटी का प्रश्न निर्माण हो गया था़ कई परिवारों पर भूखे पेट सोने की नौबत आयी थी़ इसके बाद प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के अंतर्गत गेहूं एवं चावल का वितरण किया गया था़ यह योजना अप्रैल से नवंबर तक 8 महीने चलाई गई़ इसके तहत 10 लाख 37 हजार 141 लोग लाभान्वित हुए थे़
2.60 लाख राशन कार्डधारक
जिले में वर्धा, सेलू, हिंगनघाट, आर्वी, आष्टी, कारंजा, देवली, समुद्रपुर तहसील में 2 लाख 60 हजार राशन कार्डधारक है, जिसकी जनसंख्या 10 लाख 60 हजार है़ सरकार द्वारा गए ब्रेक द चेन निर्बंधों के चलते नि:शुल्क अनाज वितरण की घोषणा का लाभ इन्हें मिलने वाला है़
8,200 मीट्रिक टन अनाज
सरकार ने प्रति व्यक्ति 3 किलो गेहूं तथा 2 किलो चावल वितरित करने की घोषणा की है़ इसके लिए जिले में लगभग 8 हजार 200 मीट्रिक टन अनाज की जरूरत पड़ेगी. इसके लिए नियोजन किए जाने की जानकारी जिला आपूर्ति विभाग से प्राप्त हुई़
फेरीवाले तथा आटोरिक्शा चालकों को मदद
जिले में पंजीकृत 3,242 फेरीवाले है़ वहीं 5,457 परमीटधारक आटोचालक है़ उनके बैंक खाते में प्रतिमाह 1,500 रुपये जमा किए जाएंगे़ सरकार ने घोषणा करने के बाद प्रशासन की ओर से इसके लिए नियोजन किया जा रहा है़