वर्धा. वैसे दसवीं की परीक्षा को विद्यार्थियों के शैक्षणिक जीवन का महत्वपूर्ण मोड माना जाता है़ यहीं से विद्यार्थी अपने करियर का मार्ग चुनते है़, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस वर्ष परीक्षा नहीं हुई है़ सभी विद्यार्थियों को उत्तीर्ण करने का निर्णय शिक्षा विभाग द्वारा लिया है़ ऐसे में प्राविण्यता प्राप्त विद्यार्थियों की संख्या अधिक होने से उनकी सायंस संकाय में प्रवेश को पहली पसंद है़ पश्चात विद्यार्थी कामर्स संकाय का चयन कर रहे है, लेकिन इन संकायों में इच्छुक अनेक तथा सीटें कम, ऐसी परिस्थिति निर्माण होने के आसार है़ इस वर्ष 11 वीं प्रवेश प्रक्रिया में इच्छुक सभी विद्यार्थी रेस में रहने वाले है.
शैक्षणिक वर्ष 2021-22 जैसी परिस्थिति इसके पहले कभी भी निर्माण नहीं हुई है़.
कोरोना संकट का छात्रों पर पड़ा बुरा असर
कोरोना महामारी का विद्यार्थियों के शैक्षणिक जीवन पर काफी बुरा असर पड़ा. सालभर विद्यार्थियों ने घर में ही आनलाइन पढ़ाई की़ जब परीक्षा देने की बारी आयी, तो वह भी रद्द हो गई़ ऐसे में विद्यार्थियों का नुकसान न हो इसके लिए सभी विद्यार्थियों को उत्तीर्ण करने का निर्णय शिक्षण विभाग द्वारा लिया गया है.
2020-21 के शैक्षणिक वर्ष में उपलब्ध सीटें
पिछले वर्ष आर्ट, सायंस, कामर्स, संयुक्त इस प्रकार सहित कुल 24 हजार 440 सीटें उपलब्ध थी़, जिसमें सायंस संकाय में 8900, कामर्स में 2600 सीटें उपलब्ध थी़ दोनों संकाय में शत प्रतिशत सीटें भरी गई थी़ विद्यार्थियों की सायंस एवं कामर्स की पसंद देख वर्ष 2021-22 में दोनों संकाय की सिटों में वृद्धि की गई है़ दोनों संकाय की तुलना में आर्ट, संयुक्त इन संकाय की अनेक जगह रिक्त रह गई थी.
सीईटी से मिलेगा छात्रों का लाभ
परीक्षा रद्द होने से नामचिन कालेजों में प्रवेश को लेकर समस्या निर्माण होगी़, जिसे ध्यान में रखकर शिक्षा विभाग सीईटी परीक्षा लेने जा रहा है़ फिलहाल सीईटी परीक्षा कब होगी, इस बारे में विद्यार्थियों में संभ्रम कायम है़ सीईटी परीक्षा का लाभ निश्चित ही प्रतिभावान विद्यार्थियों को मिलने वाला है.
-दसवीं के विद्यार्थी उत्तीर्ण 15,623
-सायंस की सीटें 10,240
-कामर्स की सीटें 3,600
-आर्ट्स की सीटें 8,100
-संयुक्त पाठ्यक्रम 1,248