Corona caught thorns in the life of flowers

    Loading

    वर्धा. हिंदुओं के विभिन्न पारंपारिक व आनंददायी त्यौहार सावन मास से शुरू हो गए है़ं आगामी देवउठनी एकादशी तक पर्व का जोर हर महीने रहेगा. सरकारी ने लाकडाउन में शिथिलता दी है़  मंदिर व श्रद्धास्थान खुले रखे जाएंगे, ऐसी उम्मीद थी़  परंतु सरकार की नई गाइडलाइन में फिर एक बार श्रद्धास्थान धार्मिक स्थल बंद रखने का निर्णय है़  परिणामवश श्रध्दालुओं में घोर निराशा छायी है़  दूसरी ओर पूजापाठ, हारफूल विक्रेता व पुजारियों के परिवार भी संकट में आ गए है़ं  गुरुपूर्णिमा से त्यौहारों का सिलसिला आरंभ हुआ है़ महाराष्ट्रीयन समुदाय के अनुसार पहला श्रावण सोमवार 9 अगस्त को रहेगा़  इस बार श्रावन महीनों में शिवायल शुरू रहेंगे, ऐसी उम्मीद भक्तों को थी़  परंतु ऐसा नहीं हुआ़  सरकार ने ब्रेक द चेन के तहत नई गाइडलाइन जारी की है, परंतु धार्मिक स्थलों को न खोलने का निर्णय लिया गया.  

    शिवालयों में इस बार भी प्रवेश नहीं

    गत वर्ष की तरह इस बार भी शिवायलों में श्रध्दालुओं को भीतर प्रवेश नहीं मिलेगा़ मराठी श्रावण माह का दूसरा सोमवार 16 अगस्त, तीसरा 23 अगस्त, चौथा 30 सितंबर व पांचवा 6 सितंबर को है़ उ सी प्रकार उत्तर भारतीय समुदाय का पहला श्रावण सोमवार 26 जुलाई से आरंभ हुआ है़ दूसरा 2 अगस्त को हुआ़  वहीं तीसरा सोमवार 9 अगस्त एवं चौथा 16 अगस्त को होगा़ सितम्बर में श्रीगणेश स्थापना, उसके बाद नवरात्रोत्सव आदि उत्सव है़  इन त्यौहारों पर तीसरे लहर का संकट मंडरा रहा है़  परंतु वर्तमान स्थिति में संक्रमितों की संख्या काफी कम है़ अन्य सभी क्षेत्र में रियायत दी गई है़  फिर श्रद्धास्थल बंद रखने का कारण क्या, ऐसा सवाल श्रध्दालु पूछ रहे है़.  

    नई गाइडलाइन ने किया निराश

    पवित्र श्रावण मास में नागरिक परमात्मा शिव की उपासना किए बिना नहीं रहते इसलिए नागरिकों की मांग थी कि, प्रशासन बिना भीड बढाए मंदिरों में पूजा, अर्चना और दर्शन के लिए कार्ययोजना बनाकर उपाय करें. परंतु नई गाइडलाइन के अनुसार सभी श्रध्दास्थल बंद रखे जाएंगे़  इससे श्रद्धालुओं में निराशा है. परिणामवश श्रावण माह में शिवायलों में भक्तों को प्रवेश नहीं रहेगा़ भगवान शिव और उनके परिवार की विधिपूर्वक पूजा की जाती है़  सावन में भगवान शिव का अभिषेक करना बहुत फलदायी होता है़ लोग रुद्राभिषेक कराते हैं. सावन मास भगवान शिव की आराधना के लिए सबसे उत्तम माह माना जाता है़ लेकिन इस बार भी कोरोना की वजह से मंदिरों में ताला लगा है़  श्रावण में भी मंदिर में प्रवेश मिलेगा या नहीं, ऐसे सवाल श्रध्दालुओं के सामने खड़े है़. 

    फल, फूल, सामग्री विक्रेता चिंतित

    श्रावण मास के दौरान विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है़ इस लिए नारियल, बेल, फूल जैसी सामग्री की काफी मांग होती है़ पिछले वर्ष कोरोना के चलते अनेक मंदिरों के सामने बैठनेवाले छोटे दूकानदारों का काफी नुकसान हुआ था़ फूल विक्रेताओं के अनुसार श्रावण मास के दौरान विभिन्न प्रकार के फूल बेचे जाते है़ं पूजा सामग्री की भी काफी मांग रहती है़  इस महीने में वरद शंकर व्रत पूजा, सत्यनारायण, सत्य अंबा, सत्यदत्त की पूजा की जाती है़  इस महीने में हर सोमवार को शिवपिंड पर बेल चढ़ते हैं. कोरोना संक्रमण के चलते दो वर्ष से श्रावण मास के दौरान श्रध्दालुओं के मंदिर प्रवेश पर रोक लगा दी गई है़ परिणमवश इस बार भी फल, फूल व सामग्री विक्रेताओं पर संकट मंडराते नजर आ रहा है.