Rath for Rajpath

  • वारकरी संत परंपरा पर चित्ररथ
  • विदर्भपुत्रों को मिला श्रेय

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सेलू. इस बार के गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य राजपथ पर आयोजित पथसंचलन में महाराष्ट्र सहित 17 राज्य एवं 15 केंद्रीय मंत्रालय के कुल 32 चित्ररथ शामिल होने के लिए सज्ज है. महाराष्ट्र सरकार की ओर से वारकरी संत परंपरा पर आधारित चित्ररथ के निर्देशक के रूप में काम करने का सम्मान पहली बार विदर्भपुत्रों को दिया है. इसमें वर्धा जिले के केलझर निवासी रोशन प्रभाकर इंगोले व यवतमाल के तुषार प्रधान व टीम का समावेश है.

केलझर के रोशन व यवतमाल के तुषार ने दिखाई प्रतिभा

केलझर यह प्राचीन ऐतिहासिक एकचक्रनगरी है. यहां गोंड राजा का राज्य था़ इस भूमि में उत्खनन के दौरान अनेक पुरातन पत्थर व मूर्तियां पायी गई. इस भूमि पर आज भी अनेक कलाकर अपनी प्रतिभाओं को उजागर कर रहे है. इनमें से एक रोशन भी है. उसे यह सम्मान मिलने से गांव का भी नाम रोशन हो गया है.

फिलहाल वह नागपुर के सरकारी चित्रकला महाविद्यालय में अध्ययनरत है. उसकी कला से प्रभावित होकर इस काम में बतौर निर्देशक के  रूप में उसका चयन हुआ है. उसके पिता स्थानीय महाराष्ट्र एक्सप्लोसिव  कारखाने में काम करते थे. 22 वर्ष पहले उनका देहांत हो गया. मां गृहिणी रहते एक पुत्री व पुत्र के पालन पोषण की जिम्मेदारी थी. बिकट स्थिति में बेटी का विवाह किया.

रोशन को चित्रकला में काफी दिलचस्पी थी. उसे मां ने भी काफी मदद की. फलस्वरुप वह  नई ऊंचाईयों को छुते दिखाई दे रहा है. रोशन ने  बताया कि वारकरी संत व समकालीन संतों ने जाति व्यवस्था, विषमता तथा अंधश्रध्दा के खिलाफ आवाज उठाते हुए समाजप्रबोधन का काम किया है. यही संत परंपरा दर्शाने वाले महाराष्ट्र के चित्ररथ पर वारकरी संप्रदाय की नींव रखने वाले संतश्रेष्ठ ज्ञानेश्वर महाराज की 8 फीट की ऊंची आसनस्थ प्रतिमा विशेष आकर्षण रहेंगी. 

यह होगा आकर्षण

ज्ञानेश्वर की प्रतिमा के समक्ष ज्ञानेश्वरी ग्रंथ. मध्यभाग में हिंदवी स्वराज्य संस्थापक छत्रपति शिवाजी महाराज व संत तुकाराम महाराज के भेंट पर दर्शायी गई भक्ति तथा शक्ति का संदेश देने वाली 8-8 फीट की दो प्रतिमाएं रहेगी. इसके अलावा वारकरी संत व भक्तों के श्रध्दास्थान पांडुरंग की विलोभनीय प्रतिमा सहित अन्य संतों की प्रतिमा निर्माण की गी है. चित्ररथ का संकल्पना चित्र एवं  प्रतिकृति रोशन इंगोले व यवतमाल के तुषार प्रधान एवं टीम ने तैयार की है. वहीं कला निर्देशक के रूप में नरेश चरडे तथा पंकज इंगले मार्गदर्शन में कुल 30 कलाकारों के सहयोग से  चित्ररथ निर्माण किया गया है.