- प्रशासन की पैनी नजर, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पकड़
वर्धा. कोरोना मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए जिले में 36 घंटे का कर्फ्यू लागू किया गया है. इसके चलते रविवार को शहर में सर्वत्र सन्नाटा छाया रहा. शतप्रतिशत बंद रहने से क्षेत्र के सभी मार्ग सुनसान रहे. शहर व तहसील की सीमा पर पुलिस तथा प्रशासन की पैनी नजर थी. उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्मानात्मक कार्रवाई की गई.
जिलाधिकारी प्रेरणा देशभ्रतार ने कोरोना के संक्रमण पर रोक लगाने के लिए शनिवार की रात्रि 8 बजे से सोमवार की सुबह 8 बजे तक यानी 36 घंटे का कर्फ्यू लागू कर दिया. कर्फ्यू को सफल बनाने के लिए जनता से सहयोग की अपील की गई. इसका असर भी रविवार को देखने मिला़ दिनभर वर्धा सहित अन्य तहसीलों में शहरी व ग्रामीण क्षेत्र में शतप्रतिशत बंद रखा गया. केवल अत्यावश्यक सेवा के अलावा अन्य सभी सेवा बंद रखी गई थी.
नियमों का उल्लंघन करने पर कार्रवाई
वर्धा के सभी चौराहों पर पुलिस व प्रशासन की टीमें तैनात दिखाई दी़ पेट्रोलपम्प भी पूर्ण समय तक बंद रहे थे़ मुख्य चौराहे, मुख्य मार्केट, मुख्य मार्ग सुने पड़े दिखाई दिए. शहर में उपविभागीय अधिकारी सुरेश बगले, नप मुख्याधिकारी विपीन पालीवाल सहित पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारी गश्त लगाते दिखाई दिए. राजस्व विभाग, पुलिस विभाग, नप विभाग, पंचायत विभाग, ग्रामीण विकास विभाग की विविध टीमें नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्मानात्मक कार्रवाई करते दिखाई दिए.
बस स्टैंड पर छायी रही वीरानी
रविवार को फिर एक बार स्थानीय बस स्टैंड पर सन्नाटा छाया रहा. कर्फ्यू के कारण भीतरी बस सेवा बंद होने से एक भी यात्रि बस स्टैंड दिखाई नहीं दिया. वहीं रेलवे की सेवा पूर्ववत शुरू रही.
हुई जुर्मानात्मक कार्रवाई
शहर के पावडे चौराहा, छत्रपति शिवाजी महाराज चौराहा, बजाज चौक, धुनिवाले मठ चौक सहित अन्य मुख्य चौराहों पर प्रशासन की टीमें तैनात थी. यहां नियमों का उल्लंघन करने वालों से जुर्माना वसूला गया.
पैदल निकले मजदूर
तलेगांव जिले में 36 घंटे का कर्फ्यू लागू होने का असर बाहरी क्षेत्र से आने वाले मजदूरों पर दिखाई दिया. नागपुर से कुछ मजदूर तलेगांव पहुंचे थे. परंतु उन्हें आर्वी जाने के लिए कोई साधन उपलब्ध न होने के कारण मजदूर आर्वी के लिए पैदल ही निकले़ रास्ते में भी उन्हें काफी पूछताछ हुई.