A thrilling battle, Congress needs one vote to win

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पुलगांव. शहर का मुख्यमार्ग जहां आठ रास्तें का चौक गांधी चौक के नाम से प्रख्यात है. जहां बीचोंबीच महात्मा गांधी बाल उद्यान बनाया गया जिसे ठेका पद्धति से देने के पहले उस उद्यान से सब्जी का कचरा और अश्लील कार्यो के लिए प्रसद्धि था. नपा पर जब कांग्रेस की सत्ता आयी तो ठेका पद्धति से कांग्रेसी कार्यकर्ता को दिया गया तो उद्यान की काया पलट गई. जहां सांस्कृतिक कार्यक्रम, गणेश स्थापना और स्वतंत्रता, गणतंत्र दिन यहां तक की गांधीजी की जयंति, पुण्यतिथि के साथ बच्चों व युवा वर्ग के खेलने के साथ पुरा परिसर स्वच्छता से परिपूर्ण हो गया था. अल्प टिकट पर गार्डन पर दिनभर शाम तक आवागमन व चहल-पहल चल रही थी जिससे गांधी चौक को चार चांद लग गए थे. लेकिन गांधी चौक के उद्यान को ग्रहण तब लग गया जब नपा में भाजपा की सत्ता आने पर जब उद्यान का ठेका पद्धति की समाप्ति हो गई तो भाजपा के नगरसेवकों की नजर इस उद्यान को हथियाने पर लग गई क्योंकि शहर के बाकी उद्यान भाजपा के कार्यकर्ताओं को मिल चुके थे तो कांग्रेसी कार्यकर्ता से यह गांधी चौक का उद्यान हथियाने के लिए उद्यान को सील लगा दिया. जिस पर नपा का किसी प्रकार का ध्यान नही़.

इस महिनों से बंद पडे उद्यान में चिलचिलाती धूप के 46 डग्रिी सेल्सियस के पारे में अंदर लगे तरह तरह के झाड, फूल, फल के पेड मुरझाकर सुखने लग गए है. अंदर बहुत सारा कचरा जमा हो गया है जिस पर प्रदूषण नर्मिाण हो गया है. सरकार पर्यावरण पर इतना खर्च कर रही और नपा द्वारा जगह-जगह शहरभर में भारी भ्रष्टाचार के तहत निकृष्ठ दर्जे के काम पर उद्यानों की बाढ आ गई है लेकिन शहर के मुख्य मध्य में का उद्यान ठेकेदारी के अभाव से सूखकर कर गंदगी बरसा रहा है और सभी नपा के नगरसेवक आंख पर काली पट्टी बांधकर उद्यान को लॉकडाऊन कर चुके है.

शहर में चर्चा व्याप्त है कि कांग्रेस व भाजपा आपसी मतभेद के कारण उद्यान भी ठेका पद्धति से नही देने के कारण शहर को सुंदरता बढानेवाला गांधी चौक बाल उद्यान पुरी तरह उध्वस्त हो गया है क्योंकि सील लगाने बाद से नपा ने कोई भी कर्मचारी नियुक्त नही किया जबकि भाजपा के एक कार्यकर्ता को हाऊसिंग बोर्ड कालोनी जुना पुलगांव के गार्डन के रखरखाव में महिने के हजारों रूपए दिए जा रहे है और इस उद्यान को लावारिस बना दिया. नपा प्रशासन शीघ्र ही इस उद्यान को ठेका पद्धति से देकर शहर की सुंदरता को बरकरार रखने की मांग की जा रही है.