वर्धा. ओबीसी समाज को स्थानीय स्वराज्य संस्था में मिलने वाले आरक्षण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका में दाखिल की गई थी़, जिस पर कोर्ट ने राजनीतिक आरक्षण स्थगित करने का निर्णय दिया है़ इसका परिणाम नौकरी अथवा शैक्षणिक आरक्षण पर नहीं होने वाला है़ लेकिन राजनीति में आरक्षण का लाभ नहीं मिलने से ओबीसी समाज में रोष व्याप्त है़ स्थानीय स्वराज्य संस्था का ओबीसी आरक्षण कायम रखने की मांग के साथ ही अन्य मांगों को लेकर सांसद रामदास तड़स के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने विपक्ष नेता देवेंद्र फडणवीस से चर्चा की़ आरक्षण के लिए भाजपा की ओर से लड़ाई लड़ने का आश्वासन फडणवीस ने दिया.
सांसद तड़स ने रखा OBC का मसला
बैठक में विपक्ष नेता फडणवीस ने कहा कि महाआघाड़ी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में ओबीसी समाज की भूमिका योग्य पद्धति से रखी नहीं है़ परिणामवश सालों से न्याय की प्रतीक्षा कर रहे ओबीसी का स्थानीय स्वराज्य संस्था का आरक्षण सर्वोच्च न्यायालय के आदेशानुसार खतरे में आया है़ 5 मार्च 2021 को विधानसभा का अधिवेशन शुरू रहते समय सुको द्वारा यह आदेश दिया़ तब सरकार को विस्तृत जानकारी देते हुए कहा था कि राज्य सरकार ने योग्य भूमिका नहीं लेने के कारण महाराष्ट्र पर यह संकट निर्माण हुआ है़ इसके पूर्व ऐसा नहीं हुआ था.
राज्य सरकार की अनदेखी से हुआ अन्याय
राज्य सरकार की अनदेखी के कारण ओबीसी पर अन्याय हुआ है़ ओबीसी समाज को राजनीतिक आरक्षण दिलाने के लिए भाजपा लड़ने का आश्वासन उन्होंने दिया है़ बैठक में पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, पूर्व विधायक चरण वाघमारे, डा़ भूषण कर्डीले, गजू शेलार, बलवंत मोटघरे, जगदीश वैद्य, अतुल वांदीले, संकेत बावनकुले, कुणाल पडोले, प्रशांत इखार, दीपक भुते, पुष्कर डांगरे, सुधीर चाफले, अमोल बोरकर, चंद्रकांत चामटकर, प्रतीक कोल्हे, अविनाश पाटिल, संजय घुघुसकर, विपीन पिसे उपस्थित थे.