Beirut: 178 people died, 30 still missing: UN
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बेरूत: लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए भयानक विस्फोट मामले के जांचकर्ता बंदरगाह के मालगोदाम में विस्फोटक पदार्थ रखे जाने में संभावित लापरवाही की जांच कर रहे हैं और सरकार ने बंदरगाह के कई अधिकारियों को नजरबंद करने के आदेश दिए हैं। लेबनान के नेता इस व्यापक क्षति से निपटने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस भीषण विस्फोट के कारण अब तक 135 लोगों की मौत हो चुकी है और 5,000 से ज्यादा घायल है। लोगों का गुस्सा सत्तारूढ़ उच्चवर्ग के खिलाफ बढ़ गया है।

उनका मानना है कि लगातार कुप्रबंधन और लापरवाही की वजह से यह हादसा हुआ। बेरूत का बंदरगाह और राजस्व कार्यालय लेबनान की सबसे भ्रष्ट संस्थाओं के रूप में कुख्यात है। जांच इस पर केंद्रित है कि 2,750 टन अमोनियम नाइट्रेट छह वर्षों से कैसे यहां जमा होता रहा और इसके बारे में कुछ क्यों नहीं किया गया। यह एक उच्च विस्फोटक रसायन है जिसका इस्तेमाल उर्वरकों में किया जाता है।

बेरूत के गवर्नर मरवान अबौद ने सऊदी के मालिकाना हक वाले टीवी स्टेशन अल-हदात को बताया कि इस विस्फोट से 10 अरब डॉलर से लेकर 14 अरब डॉलर तक का नुकसान हुआ है और करीब 3,00,000 लोग बेघर हो गए हैं। वहीं अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को कहा कि लेबनान में हुआ विस्फोट जानबूझकर किया गया हमला हो सकता है। हालांकि लेबनान के अधिकारी और उसके रक्षा प्रमुख कह चुके हैं कि यह एक हादसा प्रतीत होता है। ट्रंप ने जोर दिया, ‘‘जो भी हुआ, वह भयानक है, लेकिन वे नहीं जानते हैं कि यह क्या है।” ट्रंप ने मंगलवार को कहा था कि यह एक ‘भयानक हमला’ है। उन्होंने कहा कि अमेरिकी जनरल ने उन्हें बताया कि यह एक बम की वजह से हुआ होगा। ट्रंप ने कहा, ‘’ वे इसे हमले के रूप में देखते हैं।”(एजेंसी)