US report 2021 Investment Climate Statements states, India still a 'challenging place' for business
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वाशिंगटन: अमेरिका (America) की एक शीर्ष अधिकारी ने राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Elections) से पहले कहा है कि अमेरिका-भारत (America-India) संबंधों को इस देश के दोनों दलों का समर्थन है और यह किसी भी प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण होगा क्योंकि अमेरिकी बुनियादी रूप से मानते हैं कि दोनों देश एक स्वतंत्र एवं खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र (Indo-Pacific Region) जैसे मुद्दों पर मिलकर काम करते हुए अधिक मजबूत, अधिक सुरक्षित और समृद्ध हैं।

अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता मॉर्गन ओर्टागस ने ‘पीटीआई-भाषा’ को दिये साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका इस बात को मानता है कि वह वैश्विक चुनौतियों से अकेले नहीं निपट सकता और उसे भारत जैसे देशों के साथ साझेदारी की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘‘आप जानते हैं कि लोकतंत्र हर तरह से परिपूर्ण नहीं है लेकिन इसमें जवाबदेही होती है, पारदर्शिता होती है।”

ओर्टागस ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि हमारे सामने अगले पांच से दस साल में जो वैश्विक चुनौतियां आने वाली हैं, उनका सामना हम अकेले नहीं कर सकते। हमें अपने साझेदारों के साथ काम करना होगा। हम जानते हैं कि वैश्विक स्तर पर अनगिनत चुनौतियों की बात करें तो भारत के साथ हमारी वैश्विक साझेदारी बहुत महत्वपूर्ण होने वाली है क्योंकि अमेरिका और भारत मिलकर इन वैश्विक चुनौतियों का सामना कर रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि अमेरिका और भारत के बीच संबंध निश्चित रूप से मजबूत हैं और भविष्य में भी ऐसे ही रहेंगे। तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले ओर्टागस ने कहा, ‘‘अमेरिका-भारत संबंध दलगत राजनीति से परे हैं और किसी भी प्रशासन के लिए महत्वपूर्ण होंगे।”

चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति और रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप के मुकाबले डेमोक्रेटिक पार्टी के जो बाइडेन मैदान में हैं। भारत और अमेरिका के बीच तीसरी ‘टू प्ल टू’ वार्ता के कुछ दिन बाद अमेरिकी अधिकारी ने कहा, ‘‘कारण यह है कि हम जानते हैं कि बुनियादी रूप से अमेरिकी मानते हैं कि अमेरिका और भारत जब स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत क्षेत्र जैसे अन्य मुद्दों पर मिलकर काम कर रहे हैं तो वे अधिक मजबूत, सुरक्षित और समृद्ध हैं। इससे भी अहम बात मुझे यह लगती है कि कई अमेरिकियों के लिए क्षेत्र में तथा दुनिया में भारत को बढ़ते हुए नेतृत्व की भूमिका में देखना वास्तव में उत्साहजनक है।”

चीन के बढ़ते सैन्य दबदबे के मद्देनजर हिंद-प्रशांत क्षेत्र के हालात दुनिया की अग्रणी महाशक्तियों के बीच चर्चा का प्रमुख विषय बन गये हैं। नयी दिल्ली में आयोजित भारत-अमेरिका वार्ता में दोनों पक्षों ने चीन-भारत (China-India) सीमा विवाद तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र की परिस्थितियों पर प्रमुखता से बातचीत की थी। ओर्टागस ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि ह्यूस्टन में पिछले वर्ष हुई ऐतिहासिक ‘हाउडी मोदी’ रैली अमेरिका-भारत के संबंधों का अच्छा प्रस्तुतिकरण था।

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राष्ट्रपति ट्रंप के बहुत सफल संबंध और साझेदारी रही है।” उन्होंने कहा कि रक्षा और सुरक्षा सहयोग पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ दोनों देश कोविड-19 जैसी चुनौतियों और बढ़ते आर्थिक संबंधों पर और प्रगाढ़ तरीके से काम कर रहे हैं। (एजेंसी)