ब्रसेल्स: बेल्जियम (Belgium) के शाही परिवार (Royal Family) में लंबे समय से चल रहे विवाद का अंतत: पटाक्षेप हो गया जब पूर्व राजा अल्बर्ट द्वितीय (King Albert II) की अपनी बेटी से मुलाकात हुई। करीब आधी सदी पहले उनके विवाहेत्तर संबंध से इस बेटी का जन्म हुआ था। अल्बर्ट द्वितीय अपनी पत्नी क्वीन पाओला और डेल्फिन बोएल के बीच बैठे। करीब दो दशक तक चले पितृत्व विवाद के बाद उन्हें ‘हर रॉयल हाईनेस प्रिंसेस डेल्फिन’ के तौर पर मान्यता मिली।
हंगामा, कष्ट और आहत होने के बाद वक्त मेल-मिलाप का
मुलाकात के दो दिन बाद शाही महल की तरफ से मंगलवार को जारी संयुक्त बयान में तीनों ने कहा, ‘‘हंगामा, कष्ट और आहत होने के बाद यह वक्त माफी और मेल-मिलाप का है।” उन्होंने कहा, ‘‘हमने साथ मिलकर इस नई राह को चुनने का निर्णय किया है। इसके लिए धैर्य एवं प्रयास की जरूरत है लेकिन हम प्रतिबद्ध हैं।”
अदालत ने राजकुमारी डेल्फिन के पक्ष में फैसला दिया था
बेल्जियम की अदालत ने पिछले महीने राजकुमारी डेल्फिन के पक्ष में फैसला दिया और उन्हें किंग अल्बर्ट द्वितीय की बेटी के रूप में मान्यता दी। वयोवृद्ध हो चुके शाह ने 1998 में पितृत्व की अफवाह सार्वजनिक होने के बाद से ही इसे खारिज करने के लिए पुरजोर लड़ाई लड़ी थी। राजकुमारी डेल्फिन कलाकार हैं जो अपनी विचित्र मूर्तिकला के लिए प्रसिद्ध हैं। 86 वर्ष के हो चुके अल्बर्ट द्वितीय 2013 तक बेल्जियम के राजा रहे।