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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के एक वरिष्ठ न्यायाधीश ने कहा है कि देश के न्यायाधीश और वरिष्ठ सैन्य अधिकारी न तो संविधान और न ही किसी कानून के तहत आवासीय या वाणिज्यिक भूखंड पाने के हकदार हैं। शुक्रवार को मीडिया में आई एक खबर में यह बात कही गई है।

न्यायमूर्ति काजी फाइज ईसा ने बृहस्पतिवार को चार न्यायाधीशों की पीठ द्वारा सरकारी कर्मचारियों के लिये आवास परियोजना के वास्ते भूमि के अधिग्रहण से संबंधित मामले में चार न्यायाधीशों द्वारा विस्तृत निर्णय सुनाए जाने के अतिरिक्त यह टिप्पणी की।

समाचार पत्र द ‘डॉन’ की खबर के अनुसार न्यायमूर्ति ईसा ने कहा कि संविधान और कानून (राष्ट्रपतीय आदेश) के तहत बड़ी अदालतों के मुख्य न्यायाधीश और न्यायाधीश भूखंड हासिल करने के हकदार नहीं है।

उन्होंने अफसोस जताते हुए कहा, ” सशस्त्र बलों के वरिष्ठ सदस्यों को भूखंड और कृषि भूमि मिलती है और रैंक बढ़ने पर उन्हें अतिरिक्त भूखंड और कृषि भूमि दी जाती है।” ईसा ने कहा कि वे न तो संविधान और न ही कानून के तहत रिहायशी या वाणिज्यिक भूमि पाने के हकदार हैं।