Imran Khan, who arrived in Sri Lanka raised Kashmir issue, said- it can be resolved through talks with India
Imran Khan, who arrived in Sri Lanka raised Kashmir issue, said- it can be resolved through talks with India

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इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) ने कहा कि उनकी सरकार ने अफ़ग़ानिस्तान (Afghanistan) के साथ संबंधों को मजबूत करने का फैसला किया है, चाहे काबुल (Kabul) में सत्ता में कोई भी हो। खान ने सोमवार को यहां ‘पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान (Pakistan-Afghanistan) कारोबार एवं निवेश फोरम’ विषयक दो दिवसीय संगोष्ठी को आरंभ करते हुए यह बात कही। उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान में शांति एवं स्थिरता की खातिर भूमिका निभाते रहने का पाकिस्तान का मजबूत दृढ़ संकल्प भी दोहराया।

खान ने कहा कि उनकी सरकार अफगानिस्तान के कारोबारी समुदाय के साथ संबंधों को और विकसित करने के प्रयास कर रही है ताकि दोनों को एक-दूसरे के अनुभवों का लाभ मिल सके और व्यावसायिक एवं आर्थिक संबंधों को गति मिल सके। खान ने कहा कि उनकी सरकार ने फैसला किया है कि अफगानिस्तान के साथ संबंध मजबूत किए जाएंगे चाहे पड़ोसी देश में सत्ता में कोई भी हो।

उन्होंने अफ़ग़ानिस्तान के कारोबारियों और निवेशकों को समर्थन देने की जरूरत को रेखांकित करते हुए कहा, ‘‘दोनों देशों के भविष्य उनकी एकता, साझा कारोबार और विकसित होते परस्पर आर्थिक संपर्कों पर निर्भर करते हैं।”

प्रधानमंत्री ने कहा कि दोनों ही मुस्लिम देशों में निवेश एवं आर्थिक गतिविधियों के लिए अच्छी संभावनाएं हैं जिससे क्षेत्र में समृद्धि आएगी और विकास को बढ़ावा मिलेगा। खान ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान और पाकिस्तान दोनों ही को चीन-पाकिस्तान (China-Pakistan) आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) का लाभ मिल सकता है और वे कारोबार तथा व्यवसाय के केंद्र बन सकते हैं।

खान ने यह साफ किया कि अफगानों द्वारा तथा अफगानों के नेतृत्व वाली शांति प्रक्रिया उनकी सरकार के लिए चिंता का मुख्य विषय है और अफ़ग़ानिस्तान में शांति कामय रखने के प्रयासों के लिए पाकिस्तान के बराबर श्रेय कोई और देश नहीं ले सकता है। अफ़ग़ानिस्तान वोलेसी जिरगा के अध्यक्ष मीर रहमान रहमानी ने कहा कि अफ़ग़ानिस्तान शांति प्रक्रिया में पाकिस्तान के योगदान के महत्व को समझता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान और अफ़ग़ानिस्तान के संबंधों की जड़ें साझा संस्कृति, आस्था और मूल्यों में हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच संसदीय संपर्कों को बढ़ाने की जरूरत पर भी जोर दिया।