नई दिल्ली. आतंकवाद (Terrorism) को पनाह देने और उसका पालन पोषण करनेवाले देश पाकिस्तान (Pakistan) को फिर एक मुँह की खाने पड़ी है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने पाकिस्तानी हुकमरान इमरान खान (Imran Khan) को बड़ा झटका देते हुए पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट (Pakistan In FATF Grey List) में बरकरार रखा है। इसके अलावा तीन और देशों को FATF की ग्रे लिस्ट में जोड़ा गया है। जिसमें तुर्की भी शामिल है।
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई और अन्य देशों पर भी फैसले लिए गए। FATF ने पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में बरकरार रखते हुए और तीन देशों को इसमें शामिल किया गया है। जिसमें तुर्की, जॉर्डन और माली शामिल है। यह तीनों देश FATF के साथ एक कार्य योजना साझा करने पर सहमत हुए हैं।
Three countries onto the FATF list: Jordan, Mali and Turkey . They have all agreed on an action plan with the FATF: Financial Action Task Force pic.twitter.com/iUdduO2Od4
— ANI (@ANI) October 21, 2021
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के अध्यक्ष मार्कस प्लेयर ने जानकारी देते हुए कहा कि, “पाकिस्तान ने 34-सूत्रीय कार्य योजनाओं में से 30 को विस्तार में संबोधित किया है, इस साल जून में मनी लॉन्ड्रिंग पर केंद्रित कार्य योजना को संबोधित किया है।”
प्लेयर ने कहा, “पाकिस्तान लगातार निगरानी (ग्रे लिस्ट) में है। पाकिस्तान सरकार के पास 34-सूत्रीय कार्य योजना है जिसमें से 30 को संबोधित किया गया है।”
Pakistan has largely addressed 30/34 items, most recent action plan which was in June this year focused on money laundering: Marcus Pleyer, President, FATF pic.twitter.com/MHoS1V69qI
— ANI (@ANI) October 21, 2021
वहीं फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के अध्यक्ष ने कहा कि, “एफएटीएफ ने मॉरीशस और बोत्सवाना को ग्रे लिस्ट से हटाए जाने पर बधाई दी है।”
मार्कस प्लेयर ने आगे अफगानिस्तान में टेरर फंडिंग को लेकर चिंता जताते हुए कहा, “फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स अफगानिस्तान में मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिंग के माहौल पर अपनी चिंता व्यक्त करता है। हम मांग करते हैं कि अफगानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए योजना बनाने या उन्हें फंडिंग करने के लिए न किया जाए।”
प्लेयर ने कहा, “एफएटीएफ एपीजी, ईएजी और ग्लोबल नेटवर्क के साथ मिलकर अफगानिस्तान की स्थिति की बारीकी से निगरानी करेगा, जिसमें देश में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण जोखिमों में कोई भी बदलाव शामिल है।”